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(Deltin Procter Cricket And Gamble India Share Price) ⚽ Fun88 Rummy The Great Gambler Your chance to win, play now, Fun88 Online Casino App Increase your chances of winning with our online casino! . कैसे होता था धर्मांतरण?-गाजियाबाद में दो नाबालिग किशोरों के परिजनों ने अपने बच्चों के धर्मांतरण की शिकायत पुलिस से दर्ज कराई थी। पुलिस की ‌जांच में पता चला कि आरोपियों ने न सिर्फ उनका धर्म परिवर्तन कराया बल्कि उन्हें पांच वक्त का नमाजी तक बना डाला। पुलिस जांच में पता चला कि इन किशोरों के साथ कुछ मुस्लिम लड़के नाम बदल कर ऑनलाइन गेम फॉर नाइट गेम ऐप पर खेलते थे, गेम हारने पर उन्हें जीतने के लिए जाकिर नाइक की आयतें पढ़वाई जाती थी,जिसके बाद उन्हें जिता कर आयतों पर भरोसा दिलाया जाता था।

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिस तरह से हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व मंथन के नए दौर में है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी कैबिनेट में फेरबदल की संभावना भी बढ़ गई है। मोदी कैबिनेट में होने वाले फेरबदल में चुनावी राज्यों में विशेष फोकस किया जा सकता है। अटकलें इस बात की लगाई जा रही है कि मध्यप्रदेश से मोदी कैबिनेट में कुछ नए चेहरों को शामिल करने के साथ वर्तमान में कैबिनेट में शामिल चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी के साथ राज्य में भेजा जाए जिससे चुनाव साल में सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल हो सके। Fun88 Rummy The Great Gambler, anupam kher mother birthday: बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह अक्सर अपनी मां दुलारी देवी के साथ तस्वीरें और वीडियो शेयर करते रहते हैं। अनुपम अपनी मां के बेहद करीब हैं। एक्टर ने अपनी मां दुलारी देवी के जन्मदिन पर उनके साथ कुछ अनसीन तस्वीरें शेयर की है। इसके साथ उन्होंने अपनी मां के लिए एक नोट भी साझा किया है।

Yoga Yogasan : अनियमित भोजन और जीवन शैली के कारण शरीर बेडौल या मोटा हो जाता है। आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट करके चर्बी को घटना और शरीर को सुडौल बनाकर स्वस्थ रखना। यदि आपकी कमर और पेट लचकदार तथा संतुलित हैं तो स्फूर्ति और जोश तो कायम रहेगा ही साथ ही आप कई तरह के रोग से बच जाएंगे। जानिए किन 2 आसनों को करके आप आकर्षक दिखाई देंगे। 1. कटिचक्रासन :- Deltin Online Cricket Betting Your chance to hit the jackpot – our online casino! Increase your chances of winning with our online casino! अपने इलाज से बेहद कम समय में उन्‍होंने मेडिकल में अपना नाम कर लिया था। डॉक्‍टर गांधी खुद हाल्ट हार्ट अटैक मुहिम से जुड़े हुए थे और हार्ट अटैक के मामले में कमी लाने और लोगों को जागरूक करते थे। फेसबुक पर बने ग्रुप में उनके वीडियो काफी संख्‍या में देखे जाते हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ऐसे ही गुजरात के जामनगर के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मिलन चग के भाई और प्रसिद्ध त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव चग की 3 मार्च को सुबह की सैर के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। 57 साल के डॉ. संजीव चग मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे।

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Australia आस्ट्रेलिया के शीर्ष तेज गेंदबाज Mitchell Starc मिशेल स्टार्क ने कहा कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को लंबा खींचने के लिये काफी समय से Indian premiere league इंडियन प्रीमियर लीग IPL (आईपीएल) में हिस्सा नहीं ले रहे हैं क्योंकि वह 100 टेस्ट मैचों में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं।एकदिवसीय विश्व कप 2015 और टी20 विश्व कप 2021 जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य रहे स्टार्क एक और आईसीसी खिताब जीतना चाहेंगे जब भारत और ऑस्ट्रेलिया बुधवार से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेलेंगे। Andar Bahar Probability, Ganesh Chaturthi 2023

Go for the big win at our online casino! Deltin Cricket Betting Id हर साल पूरे विश्व में 5 जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस पर्यावरण के संरक्षण के लिए शपथ लेने का दिन है। सभी लोगों को आज के दिन इस प्रकृति और पर्यावरण को सहेजने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर राजनैतिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए मनाया जाता है। जब से इस दिवस को सिर्फ मनाया जा रहा है तब से इसके मनाए जाने को दिखाया या जताया जा रहा है, तभी से लगातार पूरे विश्व में पर्यावरण की खुद की सेहत बिगड़ती जा रही है। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि आज जब विश्व पर्यावरण दिवस को मनाए जाने की खानापूर्ति की जा रही है, तो प्रकृति भी पिछले कुछ दिनों से धरती के अलग-अलग भूभाग पर, कहीं ज्वालामुखी फटने के रूप में, तो कहीं सुनामी, कहीं भूकंप और कहीं ऐसे ही किसी प्रलय के रूप में इस बात का ईशारा भी कर रही है कि अब विश्व समाज को इन पर्यावरण दिवस को मनाए जाने जैसे दिखावों से आगे बढ़ कर कुछ सार्थक करना होगा। विश्व के बड़े-बड़े विकसित देश और उनका विकसित समाज जहां प्रकृति के हर संताप से दूर इसके प्रति घोर संवेदनहीन होकर मानव जनित वो तमाम सुविधाएं उठाते हुए स्वार्थी और उपभोगी होकर जीवन बिता रहा है जो पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रहे हैं। वहीं विकासशील देश भी विकसित बनने की होड़ में कुछ-कुछ उसी रास्ते पर चलते हुए दिख रहे हैं, जो कि पर्यावरण और धरती के लिए लिए घातक सिद्ध हो रहा है। हम सभी ने इस कोरोना महामारी में देखा कि न जाने कितने लोगों ने ऑक्सीजन के अभाव में अपने प्राण गवाए हैं, इस ऑक्सीजन के अभाव में न जाने कितने परिवार उजाड़ गए, हजारों लोगों ने अपनों को खोया है; ये सब मानव द्वारा प्रकृति और पर्यावरण से की गयी छेड़छाड़ का ही नतीजा है। मानव जाति ने जगह-जगह से प्रकृति का सत्यानाश किया है। इस धरा से पेड़-पौधों को नष्ट किया है। पहाड़ों और ग्लेशियर्स के साथ छेड़छाड़ की है। नदियों के मूल बहाव को रोका है, कई जगह तो इस धरती पर नदियां नाला बनकर रह गई हैं। नदियों में इंसानी जाति ने इतना प्रदूषण और गंदगी उड़ेली है कि इससे कई बड़ी-बड़ी नदियां अपनी अंतिम सांसें गिन रही हैं। अगर हम प्रकृति की सांसें रोकेंगे तो प्रकृति तो अपना रूप दिखाएगी ही। जितना इंसानी जाति ने प्रकृति के साथ गलत किया है, अगर उसका एक प्रतिशत भी प्रकृति हमसे बदला लेती है तो इस धरती से इंसान का नामोंनिशान मिट जाएगा। जितना क्रूर हम प्रकृति और पर्यावरण के लिए हुए हैं, अगर जिस दिन प्रकृति ने अपनी क्रूरता दिखाई उस दिन इस धरती पर प्रलय होगी। इसलिए जरूरी है हम प्रकृति और पर्यावरण की मूलता को नष्ट करने की जगह उसका संरक्षण करें, नहीं तो अभी ऑक्सीजन की कमी से लोगों ने अपने प्राण गवाए हैं; आने वाले दिनों में पीने के पानी की कमी से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। हमने ऑक्सीजन तो कृत्रिम बना ली लेकिन पीने के पानी को बनाने की कोई कृत्रिम तकनीक नहीं है। इसलिए समय रहते हमें प्रकृति की ताकत को समझना होगा नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। हमें यह भी समझना होगा कि हम प्रकृति के स्वरूप को अपने हिसाब से नहीं बदल सकते, अगर हमने अपने हिसाब से प्रकृति और पर्यावरण के स्वरूप को बदलने का प्रयास किया तो यह आने वाली पीढ़ियों और इस धरती पर रहने वाली मानव जाति और करोड़ों जीव-जंतुओं, पक्षियों के लिए नुकसानदेह होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार अगर धरती का तापमान 2 डिग्री से ऊपर बढ़ता है तो धरती की जलवायु में बड़ा परिवर्तन हो सकता है। जिसके असर से समुद्र तल की ऊंचाई बढ़ना, बाढ़, जमीन धंसने, सूखा, जंगलों में आग जैसी आपदाएं बढ़ सकती हैं। वैज्ञानिक इसके लिए ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को जिम्मेदार मानते हैं। यह गैस बिजली उत्पादन, गाड़ियां, फैक्टरी और बाकी कई वजहों से पैदा होती हैं। चीन दुनिया में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाला देश है, चीन के बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका विश्व में कार्बन का उत्सर्जन करता है, जबकि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जन करने वाला देश है। अगर विश्व के ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले देश कार्बन उत्सर्जन में आने वाले समय में कटौती करते हैं तो यह विश्व के पर्यावरण और जलवायु के लिए निश्चित ही सुखद होगा। अगर बात भारत के वायु प्रदूषण करी जाए तो आज भारत देश के बड़े-बड़े शहरों में अनगिनत जनरेटर धुंआ उगल रहे हैं, वाहनों से निकलने वाली गैस, कारखानों और विद्युत गृह की चिमनियों तथा स्वचालित मोटरगाड़ियों में विभिन्न इंधनों के पूर्ण और अपूर्ण दहन भी प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं और पर्यावरण की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लगातार जहरीली गैसों कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड और अन्य गैसों सहित एसपीएम, आरपीएम, सीसा, बेंजीन और अन्य खतरनाक जहरीले तत्वों का उत्सर्जन लगातार बढ़ रहा है। जो कि मुख्य कारण है वायु प्रदूषण का। कई राज्यों में इस समस्या का कारण किसानों द्वारा फसल जलाना भी है। साथ ही साथ अधिक पटाखों का जलाना भी वायु प्रदूषण को बढ़ावा देता है। आज जरूरत है केंद्र और प्रदेश सरकारों को वायु-प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य-जोखिम के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। और लोगों को विज्ञापन या अन्य माध्यम से वायु प्रदूषण व अन्य प्रदूषण के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। लेकिन विडंबना है कि इस पर अमल नहीं हो रहा है। सरकार को किसानों को फसलों (तूरियों) को न जलाने के लिए जागरूक करना चाहिए। किसानों को फसलों को जलाने की जगह चारे, खाद बनाने या अन्य प्रयोग के लिए जागरूक करना चाहिए। ज्यादा प्रदूषण करने वाले पटाखों पर भी सरकार को प्रतिबंध लगाना चाहिए। राजस्थान में पिछले दिसंबर में शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन आरपीएसपी ने किया था। आयोग के सदस्य कटारा ने ही एक पेपर माफिया शेर सिंह को इसका पेपर बेच दिया था। उससे पहले थर्ड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा यानी रीट का पेपर भी इन पेपर माफियाओं ने बेचा था। प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को राजस्थान में पेपर माफियाओं के 28 ठिकानों पर छापेमारी की। अभी भी सर्च जारी है।

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द्रविड़ ने फाइनल से पहले कहा, ‘‘आप इसे दो साल के काम के अंत के रूप में देखते हैं। यह काफी सफलता हासिल करने की प्रक्रिया का अंत है जो आपको यहां लेकर आया।’’उन्होंने कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीतना, यहां ड्रॉ कराना, पिछले पांच या छह साल में यह टीम जहां भी खेली वहां बेहद प्रतिस्पर्धी होना। मुझे लगता है कि ये चीजें कभी नहीं बदलेंगी, फिर आप आईसीसी खिताब जीतो या नहीं।’’ Fun88 Online Casino App, वर्ष 2023 में आषाढ़ मास की संकष्‍टी गणेश चतुर्थी 7 जून को मनाई जा रही है। यह चतुर्थी कृष्णपिङ्गल या कृष्णपिंगाक्ष के नाम से जानी जाती है। इस बार यह चतुर्थी बुधवार को पड़ रही है। चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश की प्रिय होने के कारण इस दिन उनके खास मंत्रों का जाप किया जाता है। आइए यहां जानते हैं कथा और 12 मंत्रों के बारे में- आषाढ़ चतुर्थी कथा : Ashadh Sankashti Chaturthi Katha आषाढ़ चतुर्थी कथा के अनुसार द्वापर युग में महिष्मति नगरी का महीजित नामक राजा था। वह बड़ा ही पुण्यशील और प्रतापी राजा था। वह अपनी प्रजा का पालन पुत्रवत करता था। किन्तु संतानविहीन होने के कारण उसे राजमहल का वैभव अच्छा नहीं लगता था। वेदों में निसंतान का जीवन व्यर्थ माना गया हैं। यदि संतानविहीन व्यक्ति अपने पितरों को जल दान देता हैं तो उसके पितृगण उस जल को गरम जल के रूप में ग्रहण करते हैं। इसी उहापोह में राजा का बहुत समय व्यतीत हो गया। उन्होंने पुत्र प्राप्ति के लिए बहुत से दान, यज्ञ आदि कार्य किए। फिर भी राज को पुत्रोत्पत्ति न हुई। जवानी ढल गई और बुढ़ापा आ गया किंतु वंश वृद्धि न हुई। तदनंतर राजा ने विद्वान ब्राह्मणों और प्रजाजनों से इस संदर्भ में परामर्श किया। राजा ने कहा कि हे ब्राह्मणों तथा प्रजाजनों! हम तो संतानहीन हो गए, अब मेरी क्या गति होगी? मैंने जीवन में तो किंचित भी पाप कर्म नहीं किया। मैंने कभी अत्याचार द्वारा धन संग्रह नहीं किया। मैंने तो सदैव प्रजा का पुत्रवत पालन किया तथा धर्माचरण द्वारा ही पृथ्वी शासन किया। मैंने चोर-डाकुओं को दंडित किया। इष्ट मित्रों के भोजन की व्यवस्था की, गौ, ब्राह्मणों का हित चिंतन करते हुए शिष्ट पुरुषों का आदर सत्कार किया। फिर भी मुझे अब तक पुत्र न होने का क्या कारण हैं? विद्वान् ब्राह्मणों ने कहा कि, हे महाराज! हम लोग वैसा ही प्रयत्न करेंगे जिससे आपके वंश कि वृद्धि हो। इस प्रकार कहकर सब लोग युक्ति सोचने लगे। सारी प्रजा राजा के मनोरथ की सिद्धि के लिए ब्राह्मणों के साथ वन में चली गई। वन में उन लोगों को एक श्रेष्ठ मुनि के दर्शन हुए। वे मुनिराज निराहार रहकर तपस्या में लीन थे। ब्रह्माजी के सामान वे आत्मजित, क्रोधजित तथा सनातन पुरुष थे। संपूर्ण वेद-विशारद एवं अनेक ब्रह्म ज्ञान संपन्न वे महात्मा थे। उनका निर्मल नाम लोमश ऋषि था। प्रत्येक कल्पांत में उनके एक-एक रोम पतित होते थे। इसलिए उनका नाम लोमश ऋषि पड़ गया। ऐसे त्रिकालदर्शी महर्षि लोमेश के उन लोगों ने दर्शन किए। सब लोग उन तेजस्वी मुनि के पास गए। उचित अभ्यर्थना एवं प्रणामदि के अनंतर सभी लोग उनके समक्ष खड़े हो गए। मुनि के दर्शन से सभी लोग प्रसन्न होकर परस्पर कहने लगे कि हम लोगों को सौभाग्य से ही ऐसे मुनि के दर्शन हुए। इनके उपदेश से हम सभी का मंगल होगा, ऐसा निश्चय कर उन लोगों ने मुनिराज से कहा। हे ब्रह्मऋषि! हम लोगों के दुःख का कारण सुनिए। अपने संदेह के निवारण के लिए हम लोग आपके पास आए हैं। हे भगवन! आप कोई उपाय बतलाइए। महर्षि लोमेश ने पूछा-सज्जनों! आप लोग यहां किस अभिप्राय से आए हैं? मुझसे आपका क्या प्रयोजन हैं? स्पष्ट रूप से कहिए। मैं आपके सभी संदेहों का निवारण करूंगा। प्रजाजनों ने उत्तर दिया- हे मुनिवर! हम महिष्मति नगरी के निवासी हैं। हमारे राजा का नाम महीजित है। वह राजा ब्राह्मणों का रक्षक, धर्मात्मा, दानवीर, शूरवीर एवं मधुरभाषी है। उस राजा ने हम लोगों का पालन पोषण किया है, परंतु ऐसे राज को आज तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई। हे भगवान्! माता-पिता तो केवल जन्मदाता ही होते हैं, किंतु राज ही वास्तव में पोषक एवं संवर्धक होता हैं। उसी राजा के निमित हम लोग ऐसे गहन वन में आए है। हे महर्षि! आप कोई ऐसी युक्ति बताइए जिससे राजा को संतान की प्राप्ति हो, क्योंकि ऐसे गुणवान राजा को कोई पुत्र न हो, यह बड़े दुर्भाग्य की बात हैं। हम लोग परस्पर विचार-विमर्श करके इस गंभीर वन में आए हैं। उनके सौभाग्य से ही हम लोगों ने आपका दर्शन किया हैं। हे मुनिवर! किस व्रत, दान, पूजन आदि अनुष्ठान कराने से राजा को पुत्र होगा। आप कृपा करके हम सभी को बतलाएं। प्रजा की बात सुनकर महर्षि लोमेश ने कहा- हे भक्तजनो! आप लोग ध्यानपूर्वक सुनो। मैं संकटनाशन व्रत को बता रहा हूं। यह व्रत निसंतान को संतान और निर्धनों को धन देता हैं। आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को ‘एकदंत गजानन’ नामक गणेश की पूजा करें। राजा व्रत करके श्रद्धायुक्त हो ब्राह्मण भोज करवाकर उन्हें वस्त्र दान करें। गणेश जी की कृपा से उन्हें अवश्य ही पुत्र की प्राप्ति होगी। महर्षि लोमश की यह बात सुनकर सभी लोग करबद्ध होकर उठ खड़े हुए। नतमस्तक होकर दंडवत प्रणाम करके सभी लोग नगर में लौट आए। वन में घटित सभी घटनाओं को प्रजाजनों ने राजा से बताया। प्रजाजनों की बात सुनकर राज बहुत ही प्रसन्न हुए और उन्होंने श्रद्धापूर्वक विधिवत गणेश चतुर्थी का व्रत करके ब्राह्मणों को भोजन वस्त्रादि का दान दिया। रानी सुदक्षिणा को श्री गणेश जी कृपा से सुंदर और सुलक्षण पुत्र प्राप्त हुआ। यह व्रत श्रद्धापूर्वक करने वालों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। श्री गणेश के 12 शुभ मंत्र : Chaturthi Ganesh Mantras 1. बीज मंत्र- 'गं' 2. ॐ गं गणपतये नमः 3. 'ॐ गं नमः' 4. ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा 5. गं क्षिप्रप्रसादनाय नम: 6. ॐ वक्रतुंडा हुं 7. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा। 8. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् 9. ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा 10. श्री गणेशाय नम: 11. ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा 12. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल से पहले भारतीय टीम बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क को काफी गंभीरता से ले रही है।ऑस्ट्रेलिया ने सुबह जब अभ्यास किया तो काफी ठंड थी और आसमान बादलों से घिरा था लेकिन भारतीय टीम जब दोपहर बाद अभ्यास के लिए आई तो ओवल में धूप खिली हुई थी। यह भले ही वैकल्पिक अभ्यास सत्र था लेकिन उमेश यादव, मोहम्मद सिराज और रिजर्व खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव को छोड़कर बाकी सभी खिलाड़ियों ने इसमें हिस्सा लिया। Fun88 Texas Holdem Poker Online Free मुंबई। stock market : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक शुरू होने के साथ ही घरेलू शेयर बाजारों ने मंगलवार को एहतियाती रुख अपना लिया और उतार-चढ़ाव के बीच दोनों प्रमुख सूचकांक मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 5.41 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 62,792.88 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 5.15 अंक यानी 0.03 प्रतिशत बढ़कर 18,599 अंक पर पहुंच गया। कारोबारियों के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में बिकवाली का दबाव होने, विदेशी पूंजी की निकासी और वैश्विक बाजारों के कमजोर संकेतकों से घरेलू बाजार में कारोबारी धारणा पर असर पड़ा। सेंसेक्स की कंपनियों में अल्ट्राटेक में सर्वाधिक 3.13 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा के भी शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। दूसरी तरफ, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, आईसीआईसीआई बैंक और नेस्ले के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। एशिया के अन्य बाजारों में जापान के निक्की में बढ़त दर्ज की गई, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नीचे आया। यूरोप के अधिकांश बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। एक दिन पहले अमेरिकी बाजार भी सोमवार को गिरकर बंद हुए थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजारों में आईटी शेयरों में बिकवाली के दबाव से मुनाफावसूली का जोर रहा। हालांकि, वाहन एवं बैंक शेयरों में तेजी ने बाजार को गिरावट से बचा लिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाजार की रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक पर नजरें टिकी हुई हैं। हालांकि बाजार की आम राय यही है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बढ़ोतरी पर लगाम का दौर जारी रख सकता है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.84 प्रतिशत गिरकर 75.33 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार से निकासी का रुख अपनाया हुआ है। एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने सोमवार को 700.98 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। भाषा