(Deltin Cricket Procter And Gamble Share Price) ✔️ Fun88 Rummy Earning Challenge lady luck, play today, Fun88 Online Rummy Game Win Big with Our Gambling Platform!. इस मुसाफिर का बस तुम्हारी सहारा। -जतिन लालवानी
Weather Forecast: मौसम के बदलते मिजाज के कारण राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में गर्मी में भी सुहावना मौसम का लोग लुत्फ उठा रहे हैं। बीच-बीच में होने वाली बारिश (Rain) और बूंदाबादी ने लगातार लोगों को गर्मी के तपिश से बचाया है। इस बीच लोगों को मानसून (Monsoon Update) का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का लेटेस्ट अपडेट लोगों को परेशानी हो सकती है। IMD के अनुसार 8 से 11 जून के बीच तापमान बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने पहले ही बताया था कि बिहार में 7 से 11 जून, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 7 से 10 जून के बीच हीटवेव जारी रहेगी। 7 जून से 11 जून के बीच, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, रायलसीमा, तेलंगाना, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश सहित क्षेत्रों में लू जारी रहने की उम्मीद है। इस बीच विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों में केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं। पूर्वी मध्य और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपरजोय धीरे-धीरे उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। 7 जून को 5.30 बजे यह अक्षांश 12.6 उत्तर और 66.1 देशांतर पूर्व के पास था। गोवा से लगभग 890 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 1,000 किमी दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 1,070 किमी दक्षिण-पश्चिम में था। इसके अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने और एक बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने की उम्मीद है। इसके बाद यह उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और उससे जुड़ने वाले क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। एक ट्रफ पूर्वी बिहार से पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना होते हुए उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र म्यांमार तट के पास बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज गुरुवार को गंभीर चक्रवात बिपारजॉय अगले 24 घंटों में अति भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। यह कुछ समय के लिए उत्तर दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और फिर उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में मुड़ जाएगा। आज गुरुवार को लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और केरल में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो भारी बारिश हो सकती है। रायलसीमा, कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। राजस्थान में धूलभरी आंधी की गतिविधियों के साथ हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण महाराष्ट्र, तेलंगाना, तटीय आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तरी पंजाब और सिक्किम में हल्की बारिश संभव है। दिल्ली में 4-5 दिनों तक लू चलने की आशंका नहीं : दिल्ली के अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने का अनुमान है, लेकिन अगले 4 से 5 दिन तक लू की आशंका नहीं है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जबकि अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ-कुछ समय के अंतराल पर बारिश होने से दिल्ली में जून महीने की शुरुआत में उतनी गर्मी नहीं रही है जितनी होती है। इस महीने में अधिकतम तापमान अब तक 40 डिग्री के नीचे ही रहा है। आईएमडी के अनुसार सफदरजंग वेधशाला ने इस साल अब तक लू की स्थिति दर्ज नहीं की है और ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है। मौसम विज्ञानियों ने इस मानसून-पूर्व मौसम (मार्च से मई) में अधिक वर्षा और सामान्य से कम तापमान के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया है। यह मौसम प्रणाली भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और उत्तर-पश्चिम भारत में इससे बेमौसम बारिश होती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आगे लू नहीं चलेगी। केरल में मानसून की शुरुआत में पहले ही देरी हो चुकी है और मौसम विज्ञानियों ने चक्रवात बिपारजॉय के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे मानसून में धीमी प्रगति की आशंका जताई है और राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। आईएमडी ने पिछले महीने उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य या सामान्य से कम मानसून का अनुमान जताया था जिसका अर्थ है अधिक शुष्क और गर्म दिन। आईएमडी के अनुसार दिल्ली में 36 साल में मई का महीना पहली बार बेहद कम गर्म दर्ज किया गया। इस बार अधिक बारिश के कारण अधिकतम तापमान औसतन 36.8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया। मौसम केंद्र ने पिछले साल मानसून-पूर्व मौसम में 9 अप्रैल और 4 मई के बीच 13 दिन लू की स्थिति दर्ज की थी। वर्ष 2021 में इस अवधि के दौरान सिर्फ 1 दिन, 2020 में 4 दिन और 2019 में भी 1 दिन लू चली थी। लू की स्थिति तब होती है, जब किसी मौसम केंद्र पर अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री तापमान अधिक होता है। Edited by: Ravindra Gupta Fun88 Rummy Earning, कृति शर्मा
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पिछले कई सालों में इंदौर का पोहा विकसित होकर ठेलों और छोटी दुकानों से बड़े रेस्टोरेंट और फूड स्टेशनों में भी पहुंच गया है। लेकिन उसकी आत्मा वैसी ही है। वही स्वाद है, वही रंग है और वही अहसास। हालांकि सालों पुरानी पोहे की वही तासीर और सुगंध ढूंढने के लिए इंदौर के दीवाने इंदौर की पुरानी गलियों और नुक्कड़ों में पहुंच जाते हैं। इसलिए आज भी यहां उस्सल पोहा भी दम भरता है यानि इंदौर में पाहे ने सड़क, चौराहे से लेकर रेस्टोरेंट में भी चिरकालीन कब्जा कर रखा है, इंदौर के दिल में तो खैर पोहा है ही। Texas Holdem Poker Chip Distribution, फिल्म '72 हूरें' का टीजर सामने आने के बाद से ही यह चर्चा में बनी हुई है। टीजर में ओसामा बिन लादेन, अजमल कसाब, याकूब मेनन, मसूद अजहर और हफीज सईद समेत कई आतकिंयों की तस्वीरें नजर आ रही है। टीजर के बैकग्राउंड में आवाज आ रही है, तुमने जेहाद का जो रास्ता लिया वह सीधे जन्नत में लेकर जाएगा।
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'ॐ गं नमः' 4. ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा 5. गं क्षिप्रप्रसादनाय नम: 6. ॐ वक्रतुंडा हुं 7. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा। 8. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् 9. ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा 10. श्री गणेशाय नम: 11. ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा 12. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
4. रथयात्रा के पूर्व प्रभु को क्यों आ जाता है बुखार? रथयात्रा के 15 दिन पूर्व भगवान जगन्नाथ को 108 कलशों से शाही स्नान कराया जाता है जिसके चलते वे बीमार पड़ जाते हैं और तब उन्हें 15 दिनों के लिए एक अलग कक्ष में सुलाया जाता है, जिसे ओसर घर कहते हैं। इस 15 दिनों की अवधि में महाप्रभु को मंदिर के प्रमुख सेवकों और वैद्यों के अलावा कोई और नहीं देख सकता। इस दौरान मंदिर में महाप्रभु के प्रतिनिधि अलारनाथ जी की प्रतिमा स्थापित की जाती हैं तथा उनकी पूजा अर्चना की जाती है। प्रभु के बीमार पड़ने पीछे की अलग कहानी है जो भक्त माधवदास से जुड़ी है। 5. यौवन नैत्र उत्सव क्या है? पंद्रह दिन बाद भगवान स्वस्थ होकर कक्ष से बाहर निकलते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं। जिसे नव यौवन नैत्र उत्सव भी कहते हैं। इसके बाद द्वितीया के दिन महाप्रभु श्री कृष्ण और अपने बड़े भाई बलराम जी तथा बहन सुभद्रा जी के साथ बाहर राजमार्ग पर आते हैं और रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। 6. क्या होती है छर पहनरा रस्म? Fun88 Texas Holdem Poker Online इस एकादशी व्रत के प्रभाव से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। योगिनी एकादशी से जुड़ी मान्यता के अनुसार इस दिन स्नान के लिए मिट्टी (धरती माता की रज) का इस्तेमाल करना अतिशुभ होता है। साथ ही स्नान के पूर्व तिल के उबटन को शरीर पर लगाकर फिर स्नान करने की मान्यता है। बता दें कि एकादशी तिथि पर भगवान श्री विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है। योगिनी एकादशी : 14 जून 2023, बुधवार के शुभ मुहूर्त : Yogini Ekadashi Muhurat 2023 आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ- 13 जून, मंगलवार को 09.28 ए एम से, एकादशी की समाप्ति- 14 जून 2023, बुधवार 08.48 ए एम पर। योगिनी एकादशी पारण समय- पारण/ व्रत तोड़ने का समय- गुरुवार 15 जून 2023, 05:23 ए एम से 08:10 ए एम तक। पारण तिथि के दिन द्वादशी समापन का समय- 08:32 ए एम पर। 14 जून, बुधवार - दिन का चौघड़िया लाभ- 05.23 ए एम से 07.07 ए एम अमृत- 07.07 ए एम से 08.52 ए एम शुभ- 10.37 ए एम से 12.21 पी एम चर- 03.51 पी एम से 05.35 पी एम लाभ- 05.35 पी एम से 07.20 पी एम रात का चौघड़िया शुभ- 08.35 पी एम से 09.51 पी एम अमृत- 09.51 पी एम से 11.06 पी एम चर- 11.06 पी एम से 15 जून को 12.21 ए एम, लाभ- 02.52 ए एम से 15 जून को 04.08 ए एम तक। पूजा विधि- Yogini Ekadashi Puja Vidhi 1. योगिनी एकादशी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छे धुले हुए वस्त्र धारण करके व्रत शुरू करने का संकल्प लें। 2. तत्पश्चात पूजन के लिए मिट्टी का कलश स्थापित करें। 3. उस कलश में पानी, अक्षत और मुद्रा रखकर उसके ऊपर एक दीया रखें तथा उसमें चावल डालें। 4. अब उस दीये पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। पीतल की प्रतिमा हो तो अतिउत्तम माना जाता है। 5. प्रतिमा को रोली अथवा सिंदूर का टीका लगाकर अक्षत चढ़ाएं। 6. उसके बाद कलश के सामने शुद्ध देशी घी का दीप प्रज्वलित करें। 7. अब तुलसी के पत्ते और पुष्प चढ़ाएं। 8. तत्पश्चात ऋतु फल का प्रसाद चढ़ाकर भगवान श्रीहरि का विधि-विधान से पूजन करें। 9. फिर एकादशी की कथा का पढ़ें अथवा श्रवण करें। 10. अंत में श्री विष्णु जी की आरती करें। व्रत कथा-Yogini Ekadashi Katha इस एकादशी व्रत की पौराणिक कथा (Yogini Ekadashi 2023 Katha) के अनुसार स्वर्गधाम की अलकापुरी नामक नगरी में कुबेर नाम का एक राजा रहता था। वह शिव भक्त था और प्रतिदिन शिव की पूजा किया करता था। हेम नाम का एक माली पूजन के लिए उसके यहां फूल लाया करता था। हेम की विशालाक्षी नाम की सुंदर स्त्री थी। एक दिन वह मानसरोवर से पुष्प तो ले आया लेकिन कामासक्त होने के कारण वह अपनी स्त्री से हास्य-विनोद तथा रमण करने लगा। इधर राजा उसकी दोपहर तक राह देखता रहा। अंत में राजा कुबेर ने सेवकों को आज्ञा दी कि तुम लोग जाकर माली के न आने का कारण पता करो, क्योंकि वह अभी तक पुष्प लेकर नहीं आया। सेवकों ने कहा कि महाराज वह पापी अतिकामी है, अपनी स्त्री के साथ हास्य-विनोद और रमण कर रहा होगा। यह सुनकर कुबेर ने क्रोधित होकर उसे बुलाया। हेम माली राजा के भय से कांपता हुआ उपस्थित हुआ। राजा कुबेर ने क्रोध में आकर कहा- अरे पापी! नीच! कामी! तूने मेरे परम पूजनीय ईश्वरों के ईश्वर श्री शिव जी महाराज का अनादर किया है, इसलिए मैं तुझे शाप देता हूं कि तू स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा। कुबेर के शाप से हेम माली का स्वर्ग से पतन हो गया और वह उसी क्षण पृथ्वी पर गिर गया। भूतल पर आते ही उसके शरीर में श्वेत कोढ़ हो गया। उसकी स्त्री भी उसी समय अंतर्ध्यान हो गई। मृत्युलोक में आकर माली ने महान दु:ख भोगे, भयानक जंगल में जाकर बिना अन्न और जल के भटकता रहा। रात्रि को निद्रा भी नहीं आती थी, परंतु शिव जी की पूजा के प्रभाव से उसको पिछले जन्म की स्मृति का ज्ञान अवश्य रहा। एक दिन घूमते-घूमते वह मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में पहुंच गया, जो ब्रह्मा से भी अधिक वृद्ध थे और जिनका आश्रम ब्रह्मा की सभा के समान लगता था। हेम माली वहां जाकर उनके पैरों में पड़ गया। उसे देखकर मार्कण्डेय ऋषि बोले तुमने ऐसा कौनसा पाप किया है, जिसके प्रभाव से यह हालत हो गई। हेम माली ने सारा वृत्तांत कह सुनाया। यह सुनकर ऋषि बोले- निश्चित ही तूने मेरे सम्मुख सत्य वचन कहे हैं, इसलिए तेरे उद्धार के लिए मैं एक व्रत बताता हूं। यदि तू आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की योगिनी नामक एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करेगा तो तेरे सब पाप नष्ट हो जाएंगे। यह सुनकर हेम माली ने अत्यंत प्रसन्न होकर मुनि को साष्टांग प्रणाम किया। मुनि ने उसे स्नेह के साथ उठाया। हेम माली ने मुनि के कथनानुसार विधिपूर्वक योगिनी एकादशी (Yogini) का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से हेम माली अपने पुराने स्वरूप में आकर वह अपनी पत्नी के साथ सुखपूर्वक रहने लगा। इस योगिनी एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल देता है तथा इसके व्रत से समस्त पाप दूर होकर अंत में स्वर्ग प्राप्त होता है। ऐसी इस एकादशी की महिमा है। योगिनी एकादशी के उपाय : Yogini Ekadashi Upay 1. पीपल में जल अर्पित करें : इस दिन कर्ज से मुक्ति के लिए पीपल वृक्ष में जल अर्पित करके उसकी विधिवत पूजा करें। 2. लक्ष्मी प्राप्ति : इस दिन धन-धान्य तथा लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए घर में भगवान श्री विष्णु तथा माता लक्ष्मी का केसर मिले जल से अभिषेक करें। 3. घी का दीया : एकादशी तिथि पर पीपल में मीठा जल चढ़ाने तथा शाम के समय पीपल की जड़ में घी का दीया लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। 4. तुलसी पूजन : एकादशी के दिन सायं के समय तुलसी के सामने गाय के घी का दीपक जलाकर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का जाप करते हुए तुलसी जी की 11 परिक्रमा करें, इस उपाय से घर के समस्त संकट और आने वाली परेशानियां भी दूर जाती हैं। 5. दान-पुण्य : एकादशी के दिन उपवास के पश्चात द्वादशी तिथि पर पारण से पूर्व ब्राह्मणों को मिठाई, दक्षिणा तथा गरीबों को खाद्य सामग्री देने के पश्चात ही खुद पारणा करना लाभकारी होता है। 6. जाप मंत्र : एकादशी के दिन सुबह घर की सफाई करके मुख्य द्वार पर हल्दीयुक्त जल या गंगा जल का छिड़काव करके मंत्र- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का 108 बार जाप करें। जाप में तुलसी की माला को उपयोग में लाएं। 7. स्थायी धन प्राप्ति : स्थायी धन की प्राप्ति के लिए पूजा स्थान में 11 गौमती चक्र रखकर स्फटिक की माला से 'श्री महालक्ष्म्यै श्रीयें नम:' मंत्र का 11 माला जाप करके उन्हें लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में धन वाले स्थान पर रख दें। 8. रुपए का दान : इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र और रुपया-पैसे का दान अवश्य करना चाहिए।