(Deltin Cricket Bet 9 Com Login) © Fun88 Procter And Gamble India Share Price Play now, win big, Fun88 Rummy Circle Game Risk It All and Win Big!. द्रविड़ ने फाइनल से पहले कहा, आप इसे दो साल के काम के अंत के रूप में देखते हैं। यह काफी सफलता हासिल करने की प्रक्रिया का अंत है जो आपको यहां लेकर आया।उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीतना, यहां ड्रॉ कराना, पिछले पांच या छह साल में यह टीम जहां भी खेली वहां बेहद प्रतिस्पर्धी होना। मुझे लगता है कि ये चीजें कभी नहीं बदलेंगी, फिर आप आईसीसी खिताब जीतो या नहीं।
आए दिन शहरी सीमा में टाइगर के दिखने की खबरें सामने आ रही है। हाल ही में 30 लाख की आबादी वाले इंदौर जैसे बड़े शहर में टाइगर देखा गया था। करीब 20 से 25 दिनों बाद भी उसे रेस्क्यू नहीं किया जा सका है। मप्र की राजधानी भोपाल के कालियासोत में एक बाघिन अपने तीन शावकों के साथ दिखी है, जिसके बाद रहवासियों को मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए मना किया गया है। भोपाल के पास और भी कई इलाकों में टाइगर शहरी सीमा और गांव-कस्बों के आसपास नजर आते रहे हैं। दरअसल, लगातार घटता हैबिटाट एरिया और बढ़ते शहरीकरण ने वन्यजीवों (Wild life) को शहरों की तरफ धकेलना शुरू कर दिया है। हालात यह है कि आए दिन शहरी सीमा में बाघ सीसीटीवी कैमरों में नजर आए हैं। हालांकि वन्य जीव खासतौर से टाइगर के शहरों में नजर आने के पीछे कई वजहें हैं। इनमें खारा होता पानी, शिकार की कमी, वन्य जीवों का बूढ़ा हो जाना और नर बाघ का मादा बाघ की तलाश में वन से बाहर निकलना। लेकिन इनमें सबसे बड़ी वजह शहरीकरण की वजह से वन्यक्षेत्र का लगातार घटना है। Fun88 Procter And Gamble India Share Price, Weather Forecast: मौसम के बदलते मिजाज के कारण राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में गर्मी में भी सुहावना मौसम का लोग लुत्फ उठा रहे हैं। बीच-बीच में होने वाली बारिश (Rain) और बूंदाबादी ने लगातार लोगों को गर्मी के तपिश से बचाया है। इस बीच लोगों को मानसून (Monsoon Update) का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का लेटेस्ट अपडेट लोगों को परेशानी हो सकती है। IMD के अनुसार 8 से 11 जून के बीच तापमान बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने पहले ही बताया था कि बिहार में 7 से 11 जून, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 7 से 10 जून के बीच हीटवेव जारी रहेगी। 7 जून से 11 जून के बीच, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, रायलसीमा, तेलंगाना, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश सहित क्षेत्रों में लू जारी रहने की उम्मीद है। इस बीच विभाग ने कहा है कि अगले 48 घंटों में केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं। पूर्वी मध्य और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान बिपरजोय धीरे-धीरे उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया है। 7 जून को 5.30 बजे यह अक्षांश 12.6 उत्तर और 66.1 देशांतर पूर्व के पास था। गोवा से लगभग 890 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 1,000 किमी दक्षिण-पश्चिम और पोरबंदर से 1,070 किमी दक्षिण-पश्चिम में था। इसके अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने और एक बहुत गंभीर चक्रवात में बदलने की उम्मीद है। इसके बाद यह उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और उससे जुड़ने वाले क्षेत्रों पर बना हुआ है। एक प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान और पंजाब पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। एक ट्रफ पूर्वी बिहार से पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना होते हुए उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र म्यांमार तट के पास बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज गुरुवार को गंभीर चक्रवात बिपारजॉय अगले 24 घंटों में अति भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। यह कुछ समय के लिए उत्तर दिशा में आगे बढ़ना जारी रखेगा और फिर उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में मुड़ जाएगा। आज गुरुवार को लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और केरल में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। तमिलनाडु में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो भारी बारिश हो सकती है। रायलसीमा, कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। राजस्थान में धूलभरी आंधी की गतिविधियों के साथ हल्की बारिश हो सकती है। दक्षिण महाराष्ट्र, तेलंगाना, तटीय आंध्रप्रदेश, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तरी पंजाब और सिक्किम में हल्की बारिश संभव है। दिल्ली में 4-5 दिनों तक लू चलने की आशंका नहीं : दिल्ली के अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि होने का अनुमान है, लेकिन अगले 4 से 5 दिन तक लू की आशंका नहीं है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जबकि अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण कुछ-कुछ समय के अंतराल पर बारिश होने से दिल्ली में जून महीने की शुरुआत में उतनी गर्मी नहीं रही है जितनी होती है। इस महीने में अधिकतम तापमान अब तक 40 डिग्री के नीचे ही रहा है। आईएमडी के अनुसार सफदरजंग वेधशाला ने इस साल अब तक लू की स्थिति दर्ज नहीं की है और ऐसा 2014 के बाद पहली बार हुआ है। मौसम विज्ञानियों ने इस मानसून-पूर्व मौसम (मार्च से मई) में अधिक वर्षा और सामान्य से कम तापमान के लिए सामान्य से अधिक पश्चिमी विक्षोभ को जिम्मेदार ठहराया है। यह मौसम प्रणाली भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती है और उत्तर-पश्चिम भारत में इससे बेमौसम बारिश होती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आगे लू नहीं चलेगी। केरल में मानसून की शुरुआत में पहले ही देरी हो चुकी है और मौसम विज्ञानियों ने चक्रवात बिपारजॉय के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे मानसून में धीमी प्रगति की आशंका जताई है और राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। आईएमडी ने पिछले महीने उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य या सामान्य से कम मानसून का अनुमान जताया था जिसका अर्थ है अधिक शुष्क और गर्म दिन। आईएमडी के अनुसार दिल्ली में 36 साल में मई का महीना पहली बार बेहद कम गर्म दर्ज किया गया। इस बार अधिक बारिश के कारण अधिकतम तापमान औसतन 36.8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ गया। मौसम केंद्र ने पिछले साल मानसून-पूर्व मौसम में 9 अप्रैल और 4 मई के बीच 13 दिन लू की स्थिति दर्ज की थी। वर्ष 2021 में इस अवधि के दौरान सिर्फ 1 दिन, 2020 में 4 दिन और 2019 में भी 1 दिन लू चली थी। लू की स्थिति तब होती है, जब किसी मौसम केंद्र पर अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पर्वतीय क्षेत्रों में 30 डिग्री तक पहुंच जाता है और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री तापमान अधिक होता है। Edited by: Ravindra Gupta
आईपीएल में असफलता अनुभव करने के बाद, कमेंटेटर और बल्लेबाज Dinesh Karthik अब हमें WTC Final में कुमार संगकारा, सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री के साथ कमेंटरी करते दिखाई देंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच World Test Championship Final लंदन के ओवल मैदान में 7 से 11 जून तक खेला जाएगा। दिनेश कार्तिक लंदन पहुंच गए हैं और मैच के 2 दिन पहले उन्होंने Oval Pitch की एक झलक अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की। उन्होंने पिच का फोटो डालते हुए कैप्शन लिखा WTC Final के लिए दो दिन बाकी हैं और पिच ऐसी दिखती है। आपकी प्लेइंग इलेवन क्या होने वाली है? Deltin Best Cricket Casino Online India Bet, spin, and WIN with our online casino! Risk It All and Win Big! श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रस्तावित Hybird Model हाइब्रिड मॉडल को खारिज करने के बाद मेजबान Pakistan पाकिस्तान सितंबर में होने वाले एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट से हट सकता है। Pakistan Cricket Board पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख Najam Sethi नजम सेठी द्वारा प्रस्तावित हाइब्रिड मॉडल के अनुसार पाकिस्तान को एशिया कप के तीन या चार मुकाबले स्वदेश में कराने थे जबकि भारत के मुकाबले तटस्थ स्थल पर खेले जा सकते थे।
क्यों और कब शुरू हुआ ये विवाद? How To Play Ultimate Texas Holdem, शनि देव का संबंध हमारे पैरों से भी है। पैरों में जूते और चप्पल राहु केतु का प्रतीक है। घर के मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल नहीं रखना चाहिए इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है जो व्यक्ति घर के अंदर जूते-चप्पल पहनकर आता है इसके साथ घर में राहु और केतु जैसे पापी ग्रह भी घर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए वास्तु के अनुसार घर में चप्पल पहनना मना है। इसके विकल्प के तौर पर आप घर में मोजे पहनकर रह सकते हैं। घर में रसोईघर, भंडारघर, पूजाघर, तिजोरी वाले स्थान आदि के समक्ष जूते या चप्पल पहनकर जाने से धन संपत्ति का नाश होता है।
Bet Big and Collect Rewards! Deltin Cricket Best Online Casino In India अशोक बहुत पवित्र पेड़ माना जाता है। इसके पत्तों का पूजा में इ्तेमाल होता है। अ+शोक-अशोक नाम से ही स्पष्ट है कि जो शोक मिटाता है। दुख दूर करता है, संताप हरता है। कष्टों से मुक्ति देता है। अशोक के वृक्ष के कई लाभ हैं सबसे पहला तो यही कि शोक यानी दुख को सोख लेता है। अगर यह घर में है तो नकारात्मक ऊर्जाएं दूर हो जाती हैं। घर के आंगन, बगीचे, बरामदे या दहलीज पर लगा है तब तो शुभ है ही, अगर ये वृक्ष आपके घर के आसपास लगा है तो भी दुख और दरिद्रता नहीं आएगी। अशोक मानसिक तनाव को दूर करने में भी मदद करता है लेकिन याद रखें अशोक का पौधा घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए। वास्तु के अनुसार, अशोक का पेड़ मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की जीवन शक्ति में वृद्धि करता है। अशोक का पेड़ घर के वास्तु दोष को दूर करने में समर्थ है। घर के मुख्य द्वार के पास कोने में अशोक का वृक्ष लगाने से धन की प्राप्ति होती है। जहां अशोक का पेड़ लगा होता है, वहां सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरे हो जाते हैं। अशोक को बंगला में अस्पाल, मराठी में अशोक, गुजराती में आसोपालव तथा देशी पीला फूलनों, सिंहली में होगाश तथा लैटिन में जोनेशिया अशोका (Jonasia Ashoka) अथवा सराका-इंडिका (Saraca Indica) कहते हैं। मांगलिक कार्य, पूजा-अनुष्ठान, शादी, यज्ञोपवित, ग्रह प्रवेश आदि में अशोक के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। देवी-देवताओं के सामने अशोक के पत्ते पर कामना लिखकर अर्पित करने से शीघ्र पूरी होती है। अशोक का पेड़ या पौधा घर के आसपास उत्तर दिशा में लगाना उचित कहा गया है। अशोक के पेड़ के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कहा जाता है कि अशोक के 7 पत्ते लाकर घर के मंदिर में रखने से दांपत्य जीवन में बहार आती है। पति और पत्नी के बीच संबंध मधुर होने लगते हैं। शादी में विलंब हो रहा है तो जानकार लोग अशोक के पत्तों को पानी में मिलाकर स्नान करने की सलाह देते हैं। 42 दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होता है। सेहत के लिए भी गुणकारी है अशोक अशोक के पेड़ की छाल या पत्तियों का सेवन करने पर पेट से कीड़े निकालने में मदद मिलती है। दर्द और सूजन से राहत मिलती है। अशोक के पेड़ की छाल में एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और दर्द निवारक गुण भी होते हैं। अशोक के पत्तों में हाइपोग्लाइसेमिक गुण भी पाए जाते हैं, जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। शरीर में इंसुलिन बनने की क्रिया में भी सुधार होने लगता है। अशोक का पेड़ इको फ्रेंडली है जो अनवरत ऑक्सीजन देता है। अशोक के पेड़ की छाल में फ्लेवोनॉयड्स, टैनिन और एनाल्जेसिक जैसे औषधीय गुण होते हैं जो हड्डियों के लिए जरूरी तत्व होते हैं। कैसा होता है अशोक का पेड़? अशोक के पेड़ में ज्यादा पानी देने से बचें लेकिन इसकी मिट्टी को नम रखें। ज्यादा पानी से इस पर भूरे रंग के धब्बे हो जाते हैं और पत्ती का नुकसान हो सकता है। अशोक का पेड़ आम के पेड़ की तरह सघन होता है। इसकी पत्तियों की लंबाई और चौड़ाई 8:3 होती है। इसके कोमल पत्तों का रंग तांबे जैसा होता है इसे ताम्र पल्लव के नाम से भी जाना जाता है। अशोक के पौधों की जड़ें काफी मजबूत भी होती हैं। गहरी जड़ों की वजह से अशोक को गमलों में लगाना उचित नहीं है। जंगल में शोर, इंसानी घुसपैठ
कथा पढ़ें विस्तार से जब भी भगवान शिव के गणों की बात होती है तो उनमें नंदी, भृंगी, श्रृंगी इत्यादि का वर्णन आता ही है। भृंगी शिव के महान गण और तपस्वी हैं। भृंगी को तीन पैरों वाला गण कहा गया है। कवि तुलसीदास जी ने भगवान शिव का वर्णन करते हुए भृंगी के बारे में लिखा है - बिनुपद होए कोई। बहुपद बाहु।। अर्थात: शिवगणों में कोई बिना पैरों के तो कोई कई पैरों वाले थे। यहां कई पैरों वाले से तुलसीदास जी का अर्थ भृंगी से ही है। पुराणों में उन्हें एक महान ऋषि के रूप में दर्शाया गया है जिनके तीन पांव हैं। शिवपुराण में भी भृंगी को शिवगण से पहले एक ऋषि और भगवान शिव के अनन्य भक्त के रूप में दर्शाया गया है। भृंगी को पुराणों में अपने धुन का पक्का बताया गया है। भगवान शिव में उनकी लगन इतनी अधिक थी कि अपनी उस भक्ति में उन्होंने स्वयं शिव-पार्वती से भी आगे निकलने का प्रयास कर डाला। भृंगी का निवास स्थान पहले पृथ्वी पर बताया जाता था। उन्होंने भी नंदी की भांति भगवान शिव की घोर तपस्या की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उसे दर्शन दिए और वर मांगने को कहा। तब भृंगी ने उनसे वर माँगा कि वे जब भी चाहें उन्हें महादेव का सानिध्य प्राप्त हो सके। ऐसा सुनकर महादेव ने उसे वरदान दिया कि वो जब भी चाहे कैलाश पर आ सकते हैं। उस वरदान को पाने के बाद भृंगी ने कैलाश को ही अपना निवास स्थान बना लिया और वही भगवान शिव के सानिध्य में रहकर उनकी आराधना करने लगा। भृंगी की भक्ति भगवान शिव में इतनी थी कि उनके समक्ष उन्हें कुछ दिखता ही नहीं था। भृंगी केवल शिव की ही पूजा किया करते थे और माता पार्वती की पूजा नहीं करते थे। नंदी अदि शिवगणों ने उन्हें कई बार समझाया कि केवल शिवजी की पूजा नहीं करनी चाहिए किन्तु उनकी भक्ति में डूबे भृंगी को ये बात समझ में नहीं आयी। भृंगी केवल भगवान शिव की परिक्रमा करना चाहते थे किन्तु आधी परिक्रमा करने के बाद वे रुक गए, भृंगी ने माता से अनुरोध किया कि वे कुछ समय के लिए महादेव से अलग हो जाएँ ताकि वे अपनी परिक्रमा पूरी कर सके। अब माता ने हँसते हुए कहा कि ये मेरे पति हैं और मैं किसी भी स्थिति में इनसे अलग नहीं हो सकती। भृंगी ने उनसे बहुत अनुरोध किया किन्तु माता हटने को तैयार नहीं हुई। भृंगी अपने हठ पर अड़े थे। महादेव ने तत्काल महादेवी को स्वयं में विलीन कर लिया। उनका ये रूप ही प्रसिद्ध अर्धनारीश्वर रूप कहलाया जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ था। उनका ये रूप देखने के लिए देवता तो देवता, स्वयं भगवान ब्रह्मा और नारायण वहां उपस्थित हो गए। भृंगी ने कीड़े का रूप धर कर महादेव के सिर पर परिक्रमा करना चाही तब माता पार्वती ने उन्हें शाप देकर उनके भीतर के स्त्री रूप को छिन्न भिन्न कर दिया। दयनीय स्थिति में आने के बाद माता पार्वती से क्षमा याचना की दोनों की पूजा और परिक्रमा की। तब महादेव के अनुरोध पर माता पार्वती अपना श्राप वापस लेने को तैयार हुए किन्तु भृंगी ने माता को ऐसा करने से रोक दिया। भृंगी ने कहा कि - हे माता! आप कृपया मुझे ऐसा ही रहने दें ताकि मुझे देख कर पूरे विश्व को ये ज्ञान होता रहे कि कि शिव और शक्ति एक ही है और नारी के बिना पुरुष पूर्ण नहीं हो सकता। उसकी इस बात से दोनों बड़े प्रसन्न हुए और महादेव ने उसे वरदान दिया कि वो सदैव उनके साथ ही रहेगा। साथ ही भगवान शिव ने कहा कि चूँकि भृंगी उनकी आधी परिक्रमा ही कर पाया था इसीलिए आज से उनकी आधी परिक्रमा का ही विधान होगा। यही कारण है कि महादेव ही केवल ऐसे हैं जिनकी आधी परिक्रमा की जाती है। भृंगी चलने चलने फिरने में समर्थ हो सके इसीलिए भगवान शिव ने उसे तीसरा पैर भी प्रदान किया जिससे वो अपना भार संभाल कर शिव-पार्वती के साथ चलते हैं। शिव का अर्धनारीश्वर रूप विश्व को ये शिक्षा प्रदान करता है कि पुरुष और स्त्री एक दूसरे के पूरक हैं। शक्ति के बिना तो शिव भी शव के समान हैं। अर्धनारीश्वर रूप में माता पार्वती का वाम अंग में होना ये दर्शाता है कि पुरुष और स्त्री में स्त्री सदैव पुरुष से पहले आती है और इसी कारण माता का महत्त्व पिता से अधिक बताया गया है। Fun88 Rummy Circle Game, चम्पा/ चंपा को अंग्रेजी में प्लूमेरिया कहते हैं। इसे कनक चंपा, मुचकुंद तथा पद्म पुष्प भी कहते हैं। चम्पा के खूबसूरत, मन्द, सुगन्धित हल्के सफेद, पीले फूल होते हैं। चंपा मुख्यत: 5 प्रकार की होती है:- 1.सोन चंपा, 2.नाग चंपा, 3.कनक चंपा, 4. सुल्तान चंपा और कटहरी चंपा। सभी तरह की चंपा एक से एक अद्भुत और सुंदर होती है और इनकी सुगंध तो मन प्रसन्न कर देती है। चम्पा में पराग नहीं होता है। इसलिए इसके पुष्प पर मधुमक्खियां कभी भी नहीं बैठती हैं। 1. चंपा के फूल अक्सर पूजा में उपयोग किए जाते हैं। 2. चंपा का वृक्ष मन्दिर परिसर और आश्रम के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगाया जाता है। 3. चंपा के वृक्षों का उपयोग घर, पार्क, पार्किग स्थल और सजावटी पौधे के रूप में किया जाता है। 4. देवी मां ललिता अम्बिका के चरणों में भी चंपा के फूल को अन्य फूलों जैसे- अशोक, पुन्नाग के साथ सजाया जाता है। 5. चंपा का वृक्ष वास्तु की दृष्टि से सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। 6. चंपा को कामदेव के पांच फूलों में गिना जाता है। इसकी सुगंध से मन खुश हो जाता है। 7. चंपा के फूलों का तेल भी बनता है। 8. चंपा के फूलों के इत्र भी बनता है। 9. इसके फूल और वृक्षों के उपयोग औषधि के रूप में भी होता है। 10. वास्तु के अनुसार, चंपा आपके घर में प्राण ऊर्जा लाने के लिए सबसे अच्छा पौधा है। 11. अपने जीवन में शुभ ऊर्जाओं को आमंत्रित करने के लिए आप इसे बालकनी के दरवाजे, मुख्य दरवाजे और बरामदे के पास रख सकते हैं। 12. कहीं पढ़ा था कि चंपा फूल की पांच पंखुड़ियां ईमानदारी, विश्वास, भक्ति, महत्वाकांक्षा और समर्पण का प्रतिनिधित्व करती हैं। चंपा के औषधीय गुण आयुर्वेद के अनुसार, चम्पा के औषधीय गुण से सिर दर्द, कान दर्द, आंखों की बीमारियों में फायदा ले सकते हैं। मूत्र रोग, पथरी या बुखार होने पर भी चम्पा के औषधीय गुण से लाभ मिलता है। सिर दर्द में चम्पा के फूल के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं। चंपा फूल के तेल को सिर पर लगाएं। इसे लगाने से सिर दर्द कम होता है। सूखी खांसी से परेशान हैं तो चम्पा के औषधीय गुण से फायदा ले सकते हैं। चम्पा की छाल का 1-2 ग्राम चूर्ण बना लें। इसमें शहद मिलाकर चाटने से सूखी खांसी खत्म हो जाती है। कई लोगों का मानना है कि इसे घर के भीतर नहीं लगाना चाहिए। लेकिन इसके खुशबूदार फूल सकारात्मक ऊर्जा छोड़ते हैं। इसलिए इसे लगाना शुभ है। इस पौधे को उत्तर पश्चिम दिशा में लगाना शुभ है।
सेठी ने बार-बार कहा है कि अगर टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान की जगह तटस्थ देश में होता है तो वह प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेगा और सूत्र ने कहा कि पीसीबी एशिया कप का बहिष्कार कर सकता है। Fun88 Deccan Rummy Manipur Violence : अमित शाह की अपील के बाद भी मणिपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। राज्य के सेरौ इलाके में हुई हिंसा में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान शहीद हो गया जबकि असम राइफल्स के 2 जवान घायल हो गए। भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक बयान में कहा, मणिपुर के सेरौ इलाके में सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के एक समूह के बीच देर रात मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से जमकर गोलीबारी हुई। हादसे में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान मारा गया जबकि असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए। घायल जवानों को इलाज के लिए मंत्रिपुखरी ले जाया गया है। उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने मणिपुर के अपने चार दिवसीय दौरे के दौरान कई संगठनों से मुलाकात कर शांति बहाल करने की अपील की थी। उन्होंने लूटे गए हथियारों को सरेंडर कराने को कहा था और चेतावनी दी थी कि हथियार जमा नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अमित शाह की पूर्वोत्तर राज्य के लिए शांति कायम करने के ऐलान के ठीक बाद मणिपुर के 5 जिलों से कर्फ्यू हटा लिया गया था। जबकि कुछ इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई है। पुलिस के मुताबिक गृहमंत्री की चेतावनी के बाद मणिपुर में 140 हथियारों को सरेंडर किया गया है। बता दें कि करीब एक महीने पहले जातीय हिंसा भड़कने के बाद पुलिस शस्त्रागार से 2,000 हथियार लूट लिए गए थे बता दें कि 3 मई से मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 70 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। हिंसा को रोकने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राज्य में सेना और असम राइफल्स के भी 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं। Edited by : Nrapendra Gupta