(Deltin Cricket Online Casino Legal In India) ⚽ Fun88 Rummy All Apps Play for jackpots at the online casino, Fun88 Royally Rummy Bring the games to your fingertips – play at our online casino! . Mamata Banerjee sent mangos to PM Modi : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य के आम की खास किस्में भेजीं। आम की पेटियां एक-दो दिनों में नई दिल्ली पहुंच जाएंगी। वह कई सालों से आम भेजती रही हैं। बताया जा रह है कि आमों को सजावटी बक्सों में भेजा गया। इन बक्सों में हिमसागर, फाजली, लंगड़ा और लक्ष्मण भोग किस्म के आम हैं। मौसमी फलों से भरा एक बक्सा भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को भी भेजा गया है। बांग्लादेश की प्रधामंत्री शेख हसीना को भी आम भेजे गए हैं। ममता इससे पहले भी कई बार पीएम मोदी के लिए तोहफे भेज चुकी है। 2019 में पीएम मोदी ने अक्षय कुमार को दिए साक्षात्कार में कहा था कि दुर्गा पूजा के मौके पर ममता बनर्जी ने उन्हें कुर्ता-पायजामा और मिठाई भेजी थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने गत वर्ष कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी आम भेजे थे। (भाषा)
मलेशिया ने खेल के कुछ ही मिनटों में जवाबी हमला करना शुरू कर दिया, और भारतीय डी में खड़ी नाज़ेरी ने फील्ड गोल जमाकर अपनी टीम को शुरुआती बढ़त दिलाई।मुमताज ने हालांकि चार मिनट बाद ही पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील किया और पहला क्वार्टर 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुआ। Fun88 Rummy All Apps, बिश्वजीत के पिता हेलाराम मलिक ने हादसे में घायल हुए अपने बेटे को लेकर यह कहानी बताई। दरअसल, हादसे के बाद घायल बिश्वजीत बेहोश हो गया था। वो इस कदर बेसुध था कि लोगों ने उसे मरा हुआ समझकर बालासोर स्कूल में बनाए मुर्दाघर में रख दिया गया। उसके ऊपर लाशें रख दी गईं। जब उसे होश आया तो उसने अपना हाथ हिलाया। लोगों ने देखा कि वह जिंदा है तो लोग उसे अस्पताल ले गए।
Ashadha Month 2023 : आषाढ़ मास का नाम पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र ऊपर रखा गया है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ माह वर्ष का चौथा माह है। 5 जून 2023 से आषाढ़ माह का प्रारंभ हो गया है जो 3 जुलाई तक रहेगा। इस माह में श्रीहरि विष्णु, माता काली, शिवजी और सूर्यदेव की विशेष आराधना की जाती है। आओ जानते हैं इस माह की 10 विशेषता और जानिए कि क्या करें और क्या न करें। आषाढ़ माह की 10 विशेषताएं: 1. किसानों का माह : कृषि के लिए ये मास बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसी माह से वर्षा ऋतु की विधिवत शुरुआत होती है। 2. स्वच्छ जल ही पिएं : पौराणिक मान्यता के अनुसार इस माह में जल में जंतुओं की उत्पत्ति बढ़ जाती है अत: इस माह में जल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 3. सेहत का रखें ध्यान : आषाढ़ माह में पाचन क्रिया भी मंद पड़ जाती है अत: इस मास में सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस महीने में जल युक्त फल खाने चाहिए। आषाढ़ में बेल बिलकुल भी न खाएं। 4. विष्णु उपासना और दान : आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है। आषाढ़ मास के पहले दिन खड़ाऊं, छाता, नमक तथा आंवले का दान किसी ब्राह्मण को किया जाता है। 5. सो जाते हैं देव : इसी माह में देव सो जाते हैं। इसी माह में देवशयनी या हरिशयनी एकादशी होती है। इसी दिन से सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। 6. चतुर्मास का माह : आषाढ़ माह से ही चतुर्मास प्रारंभ हो जाता है। चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है। इस अवधि में यात्राएं रोककर संत समाज एक ही स्थान पर रहकर व्रत, ध्यान और तप करते हैं। 7. कामनापूर्ति का माह : इस महीने को कामना पूर्ति का महीना भी कहा जाता है। आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का महान उत्सव भी मनाया जाता है।वर्ष के इसी मास में अधिकांश यज्ञ करने का प्रावधान शास्त्रों में बताया गया है। 8. गुप्त नवरात्रि का माह : वर्ष में चार नवरात्रि आती है:- माघ, चैत्र, आषाढ और अश्विन। चैत्र माह की नवरात्रि को बड़ी या बसंत नवरात्रि और अश्विन माह की नवरात्रि को छोटी या शारदीय नवरात्रि कहते हैं। दोनों के बीच 6 माह की दूरी है। बाकी बची दो आषाढ़ और माघ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। आषाढ़ माह में तंत्र और शक्ति उपासना के लिए 'गुप्त नवरात्रि' होती है। 9. मंगल और सूर्य की पूजा : इस माह में विष्णुजी के साथ ही जल देव की उपासना से धन की प्राप्ति सरल हो जाती है और मंगल एवं सूर्य की उपासना से ऊर्जा का स्तर बना रहता है। इसके अलावा देवी की उपासना भी शुभ फल देती है। 10. गुरु पूर्णिमा का महत्व : आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को बहुत ही खास माना जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को ही गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। Daan आषाढ़ माह में क्या करें और क्या नहीं करें:- आषाढ़ माह में क्या नहीं खाना चाहिए? Deltin Best Cricket Casino Online India Feel the thrill of the game – Play at our online casino! Bring the games to your fingertips – play at our online casino! भविष्य में भारत में बढ़ सकता है मानव-बाघ संघर्ष 2070 तक बाघों के रहने लायक जंगल नहीं बचेगा सुंदरबन 40 प्रतिशत बाघ वन्य क्षेत्र से बाहर Tiger sighting in cities in India: करीब 50 साल पहले देश में बाघों की संख्या ने भारत सरकार के माथे पर शिकन ला दी थी। बाघों की गिनती के नतीजों में सामने आया था कि बाघों की आबादी घटकर 1,827 हो गई है। 20वीं सदी में भारत में बाघों की अनुमानित संख्या 20 हजार से 40 हजार तक मानी जाती थी। ऐसे में 1800 का आंकड़ा पूरे देश के लिए चिंता का मसला था।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बजरंग दल पर बैन लगाने पर बैकफुट पर आई कांग्रेस को अब मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बजरंग सेना का साथ मिल गया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बजरंग सेना का पार्टी में विधिवत विलय गया है। इस मौके पर पूरा कांग्रेस कार्यालय भगवामय नजर आया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जय जय श्री राम के नारे लगाए। बजरंग सेना के अध्यक्ष रघुनंदन शर्मा ने कार्यकर्ताओं के साथ कमलनाथ को गदा भेंट किया। Cricket Betting India Bet, मोहम्मद शमी हालांकि सुबह के सत्र में अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी नहीं कर सके थे लेकिन उन्होंने लंच के बाद पहली खूबसूरत गेंद पर लाबुशेन के ऑफ स्टंप उखाड़ दिये।फिर हेड क्रीज पर स्मिथ का साथ निभाने पहुंचे और उन्होंने शमी और मोहम्मद सिराज के खिलाफ चौके जड़कर दबाव भारत पर कर दिया।
Play and Collect Prizes! Deltin Cricket Bitcoin Gambling Trust Dice उन्होंने कहा, हम मोईन और बाकी की टीम को एशेज़ अभियान के लिये शुभकामनाएं देते हैं। मोइन ने 64 टेस्ट खेलकर 195 विकेट लिये हैं और 2914 रन बनाये हैं। इंग्लैंड 12 जून को बर्मिंघम पहुंचेगी और 13 जून से एजबेस्टन में अभ्यास शुरू करेगा। एशेज़ का पहला टेस्ट 16 जून से शुरू होगा।(एजेंसी) भारत ने खिताबी मुकाबले में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। बादलों से घिरे हुए ओवल मैदान पर मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज की जोड़ी ने दर्शनीय स्विंग गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजों को परेशान किया। सिराज ने जल्द ही उस्मान ख्वाजा को विकेटकीपर श्रीकर भरत के हाथों कैचआउट करवाकर भारत को पहली सफलता दिलाई।
खरबूजा खाने का शौक कई लोगों को होता हैं। खरबूजे (muskmelon) में मौजूद विटामिन A आपकी आंखों, त्वचा और हेयर के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। यह हमारे शरीर में हो रही पानी की कमी की पूर्ति भी करता है। Fun88 Royally Rummy, बृहस्पति और शनि हमारे सौरमंडल के क्रमश: 2 सबसे बड़े ग्रह हैं। दोनों के पास अपने अनेक उपग्रह यानी चंद्रमा हैं। लेकिन लगता है मानो दोनों के बीच होड़ चल रही है कि किस के पास सबसे अधिक चंद्रमा हैं। सूर्य से शुरू करते हुए देखने पर सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (गुरु/ Jupiter) के बाद 6ठे नंबर पर शनि दिखाई पड़ता है। पृथ्वी से 9.5 गुना बड़े 1,20,500 किलोमीटर व्यास वाले इस ग्रह को पहचानना बहुत आसान है, क्योंकि वह तश्तरीनुमा छल्लों से घिरा हुआ है। कभी बृहस्पति आगे तो कभी शनि : वैज्ञानिकों को पिछले कुछ वर्षों की अपनी खोजों में इन दोनों विराट ग्रहों के नए-नए उपग्रहों का सुराग मिलता रहा है। कभी बृहस्पति (Jupiter) की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों की संख्या बढ़ गई तो कभी शनि (Saturn) के उपग्रहों की संख्या सबसे अधिक निकली। हाल ही की एक नई खोज में एक ही बार में शनि के 62 ऩए उपग्रहों का पता चला। रिंगनुमा वलयों से घिरे इस अनोखे ग्रह के उपग्रहों की कुल संख्या एक ही बार में अब 100 का आंकड़ा पार कर गई है। 5 ही वर्ष पूर्व 2018 की चंद्र-गणना के समय बृहस्पति के 12 नए चंद्रमा मिले थे और वह शनि को पीछे छोड़कर सबसे अधिक चंद्रमाओं का मालिक बन गया था। 2019 में शनि के भी 20 नए चंद्रमाओं का पता चला। 2023 के आरंभ में बृहस्पति के चंद्रमाओं की संख्या में 12 और नाम जुड़ गए। इस प्रकार उसके सभी चंद्रमाओं की संख्या बढ़कर 92 हो गई। उस समय शनि के चंद्रमाओं की कुल संख्या 83 थी। कम्प्यूटर आधारित विशेष विधि : शनि के 62 नए चंद्रमा अमेरिका में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्य़ालय के खगोलविदों की खोज हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका के ही हवाई द्वीप पर के एक दूरदर्शी (टेलीस्कोप) को 2019 से शनि पर केंद्रित कर रखा था। टेलीस्कोप द्वारा ली गईं तस्वीरों का उन्होंने कम्प्यूटर आधारित एक विशेष विधि की सहायता से विश्लेषण किया। 'स्टेपल मेथड' नाम की इस विधि से अत्यंत दूर के ऐसे आकाशीय पिंडों का भी पता लगाया जा सकता है, जो केवल ढाई किलोमीटर ही बड़े क्यों न हों। इसे सुनिश्चित करने के लिए, कि जिन पिंडों का पता चला है, वे शनि ग्रह के पास से गुजरते हुए कोई क्षुद्रग्रह (एस्टोराइड) आदि नहीं बल्कि वाकई उस के उपग्रह हैं, पूरे 2 वर्षों तक उनकी परिक्रमा कक्षाओं पर नजर रखी गई। कोलंबिया विश्वविद्य़ालय ने इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही सूचित किया कि शनि ग्रह के 62 ऩए उपग्रह मिले हैं। इसके साथ ही शनि के अब तक ज्ञात उपग्रहों की कुल संख्या बढ़कर 145 हो गई है। हमारे सौरमंडल का वह अकेला ऐसा ग्रह है जिसके पास 100 से अधिक उपग्रह हैं। अनोखी परिक्रमा कक्षाएं : इन सभी उपग्रहों की एक अलग ही विशेषता यह पाई गई है कि उनकी परिक्रमा कक्षाएं वृत्ताकार नहीं, बल्कि दीर्घवृत्ताकर (एलिप्टिकल) हैं और उनका झुकाव शनि के सौर परिक्रमा कक्षा-तल के विपरीत है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि शनि के इन नए उपग्रहों की परिक्रमा कक्षाओं में मिले इस अनोखेपन का कारण शनि के ही बड़े आकार के उपग्रहों से कभी उनका टकरा जाना रहा हो सकता है। अनुमान यह भी है कि शनि के ये उपग्रह हमेशा नहीं रहे हैं, बल्कि पिछले 10 करोड़ वर्षों में ही बने हैं। मंगल पर कभी नदियां बहती थीं : हमारे सौरमंडल के पृथ्वी के बाद के चौथे ग्रह मंगल के बारे में अब यह सुनिश्चित लगता है कि उस पर कभी बड़ी मात्रा में तरल पानी बहा करता था। वहां झीलें, सागर और नदियां हुआ करती थीं। मंगल ग्रह पर विचरण कर रहे अमेरिकी रोवर 'पर्सिविअरंस' ने वहां के जेजेरो क्रेटर के ऐसे चित्र भेजे हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी बलखाती नदियां भी हुआ करती थीं। इन चित्रों से यह संकेत भी मिलता है कि वहां ऐसी कई नदियां और जलधाराएं रही होंगी, जो जेजेरो क्रेटर में अपना पानी उड़ेला करती थीं। क्रेटर के चित्रों में गिट्टियां और रेतीले निक्षेप दिखाई पड़ने को इसका प्रमाण माना जा रहा है। वह जगह, जहां रोवर 'पर्सिविअरंस' को नदियों के निशान मिले हैं, उसे अंतरिक्ष यान आदि में बैठकर दूरदर्शी द्वारा देखा भी जा सकता है। इस जगह को 'श्रिंकल हैवन' नाम दिया गया है। चित्रों में मिट्टी की ऐसी लहरदार परतें भी दिखती हैं, जो बहते पानी से बना करती हैं। मिट्टी की लहरदार परतें : वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ये लहरदार परतें कभी बहुत ऊंची और मोटी रही होंगी। मंगल ग्रह पर चलने वाली आंधियों जैसी तेज हवाओं ने उनके ऊपरी हिस्से छीलते हुए समय के साथ उनका आकार काफ़ी घटा दिया लगता है। ऐसी परतें पृथ्वी पर भी मिलती हैं किंतु पृथ्वी पर उन पर घास-फूस उग जाने से उनका बहुत अधिक क्षरण नहीं हो पाता। मंगल पर घास-फूस होने के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं। 'श्रिंकल हैवन' से 450 मीटर दूर 'पिनस्टैंड' नाम की जगह पर भी पानी के बहाव से बने ऐसे ही कुछ निक्षेप मिले हैं, जो 20 मीटर तक ऊंचे हैं। पृथ्वी पर नदियों आदि की सामग्री से बने इतने ऊंचे निक्षेप नहीं मिलते। वैज्ञानिक बहुत खुश हैं कि मंगल पर कभी पानी रहा होने के पहली बार ऐसे अनपेक्षित निशान मिले हैं। स्मरणीय है कि 'पर्सिविअरंस' को मंगल ग्रह पर वास्तव में बैक्टीरिया आदि जैसे आरंभिक जीवन के निशान ढूंढने के लिए 30 जुलाई 2020 को मंगल ग्रह की दिशा में रवाना किया गया था। 18 फरवरी 2021 के दिन वह मंगल ग्रह के जेजोरो क्रेटर में उतरा था। तभी से वह वहां घूम-फिर रहा है और फोटो लेने के साथ-साथ वहां की मिट्टी और चट्टानों के नमूने भी एकत्रित कर रहा है। Edited by: Ravindra Gupta (इस लेख में व्यक्त विचार/ विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/ विश्लेषण 'वेबदुनिया' के नहीं हैं और 'वेबदुनिया' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है।)
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का समापन रात 09.50 मिनट पर होने के कारण तथा उसके बाद पंचमी तिथि लगने की वजह से चतुर्थी तिथि के दौरान चंद्रोदय का समय नहीं है। लेकिन संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय रात 10.50 मिनट का प्राप्त हो रहा है। आइए यहां जानते हैं पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा की सरल विधि के बारे में- Krishnapingala चतुर्थी पूजा विधि :Chaturthi Puja Vidhi - आषाढ़ मास की चतुर्थी के दिन प्रात: स्नानादि के पश्चात एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना करें। - चांदी, पीतल, तांबे या मिट्टी के गणेश की मूर्ति नहीं है तो आप तस्वीर से काम चलाएं। - भगवान श्री गणेश को पीले वस्त्र चढ़ाएं। - श्री गणेश प्रतिमा को लाल रोली, कलावा, फूल, हल्दी, दूर्वा, चंदन, धूप, घी आदि पूजन सामग्री अर्पित करें। - श्री गणेश को फूलों की माला पहनाएं। - इसके बाद श्री गणेश को 21 दूर्वा की गांठ अर्पित करें। - भगवान श्री गणेश के मंत्रों का जाप करें। - इसके बाद पूरा दिन निर्जला व्रत रखें। - मोदक का प्रसाद बनाएं तथा भगवान श्री गणेश को मोदक, मोतीचूर के लड्डू, केला, नारियल आदि का भोग लगाएं। - चतुर्थी के दिन गरीबों को खाने-पीने की चीजों का दान दें। - पूजा के साथ इस दिन श्री गणेश नामावली, श्री गणेश अथर्वशीर्ष, गणेश चालीसा का पाठ करें। - आषाढ़ मास के श्री गणेश चतुर्थी की कथा पढ़ें तथा मंत्र'ॐ गं गणपतये नम:' का जाप करें। - इस दिन में अथवा गोधूली बेला में श्री गणेश दर्शन अवश्य करें। - पूजन समाप्त होने के बाद आरती करके भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें। - रात्रि में मोदक या लड्डू का भोग श्री गणेश के साथ ही चंद्रमा को भी अर्पित करके इसी लड्डू से व्रत खोलें। Fun88 Rummy Rules 13 Card ना जाने ईश्वर ने ये कैसा रिश्ता बनाया है,