(Deltin Cricket Online Casino India Real Money) : Fun88 Online Rummy Cash Win big with our gambling platform, Fun88 Rummy Modern App Play Hard and Smart at the Online Casino!. BSE: भारतीय रिजर्व बैंक (BSE) की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों से पहले गुरुवार को स्थानीय शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) शुरुआती कारोबार में 85.64 अंक की बढ़त के साथ 63,228.60 अंक पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) 25.55 अंक के लाभ से 18,751.95 अंक पर था। सेंसेक्स की कंपनियों में एनटीपीसी, पॉवर ग्रिड, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, एलएंडटी, इंडसइंड बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर लाभ में थे, वहीं कोटक महिंद्रा बैंक, ऐक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, विप्रो, टेक महिंद्रा और टीसीएस के शेयर नुकसान में थे। अन्य एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की नुकसान में थे। रुपया 7 पैसे गिरकर 82.59 प्रति डॉलर पर खुला : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे गिरकर 82.59 प्रति डॉलर के स्तर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले 7 पैसे की गिरावट के साथ 82.59 पर खुला। रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 82.52 पर बंद हुआ था। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रुपया एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था और बाजार को आरबीआई की मौद्रिक नीति का इंतजार था। इस बीच 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत गिरकर 104 पर था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.26 फीसदी गिरकर 76.75 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को शुद्ध रूप से 1,382.57 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।(भाषा) Edited by: Ravindra Gupta
Yogini Ekadashi 2023 Fun88 Online Rummy Cash, इस वर्ष जून के महीने में बुधवार, 7 जून को आषाढ़ मास की संकष्टी गणेश चतुर्थी पड़ रही है। मान्यतानुसार इसे कृष्णपिङ्गल या कृष्णपिंगाक्ष संकष्टी चतुर्थी (Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2023) के नाम से जाना जाता है। पुराणों के अनुसार पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी तथा अमावस्या के बाद की चतुर्थी को विनायकी के नाम से जाना जाता है। श्री गणेश विघ्नहर्ता है, अत: चतुर्थी के दिन भगवान उनका पूजन और व्रत किया जाता है। आइए जानते हैं आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त और कथा- आषाढ़ संकष्टी चतुर्थी 2023 के शुभ मुहूर्त : कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी : बुधवार, 07 जून 2023 को चतुर्थी तिथि का प्रारंभ- 06 जून, मंगलवार को 12.50 ए एम से (देर रात) चतुर्थी तिथि का समापन- 07 जून, 2023 को 09.50 पी एम पर। बता दें कि इस बार संकष्टी चतुर्थी का समापन 09.50 पी एम पर हो रहा है तथा तत्पश्चात पंचमी तिथि लग जाएगी। अत: चतुर्थी तिथि के दौरान कोई चंद्रोदय नहीं है। वैसे संकष्टी के दिन चंद्रोदय का समय- 10.50 पी एम पड़ रहा है। 7जून 2023, बुधवार : दिन का चौघड़िया लाभ- 05.23 ए एम से 07.07 ए एम अमृत- 07.07 ए एम से 08.51 ए एम शुभ- 10.36 ए एम से 12.20 पी एम चर- 03.49 पी एम से 05.33 पी एम लाभ- 05.33 पी एम से 07.17 पी एम रात्रि का चौघड़िया शुभ- 08.33 पी एम से 09.49 पी एम अमृत- 09.49 पी एम से 11.04 पी एम चर- 11.04 पी एम से 08 जून को 12.20 ए एम तक, लाभ- 02.51 ए एम से 08 जून को 04.07 ए एम तक। आषाढ़ चतुर्थी व्रत कथा-Ashadh Chaturthi Vrat Katha आषाढ़ मास की चतुर्थी व्रत की कथा के अनुसार द्वापर युग में महिष्मति नगरी का महीजित नामक राजा था। वह बड़ा ही पुण्यशील और प्रतापी राजा था। वह अपनी प्रजा का पालन पुत्रवत करता था। किन्तु संतानविहीन होने के कारण उसे राजमहल का वैभव अच्छा नहीं लगता था। वेदों में निसंतान का जीवन व्यर्थ माना गया हैं। यदि संतानविहीन व्यक्ति अपने पितरों को जल दान देता हैं तो उसके पितृगण उस जल को गरम जल के रूप में ग्रहण करते हैं। इसी उहापोह में राजा का बहुत समय व्यतीत हो गया। उन्होंने पुत्र प्राप्ति के लिए बहुत से दान, यज्ञ आदि कार्य किए। फिर भी राज को पुत्रोत्पत्ति न हुई। जवानी ढल गई और बुढ़ापा आ गया किंतु वंश वृद्धि न हुई। तदनंतर राजा ने विद्वान ब्राह्मणों और प्रजाजनों से इस संदर्भ में परामर्श किया। राजा ने कहा कि हे ब्राह्मणों तथा प्रजाजनों! हम तो संतानहीन हो गए, अब मेरी क्या गति होगी? मैंने जीवन में तो किंचित भी पाप कर्म नहीं किया। मैंने कभी अत्याचार द्वारा धन संग्रह नहीं किया। मैंने तो सदैव प्रजा का पुत्रवत पालन किया तथा धर्माचरण द्वारा ही पृथ्वी शासन किया। मैंने चोर-डाकुओं को दंडित किया। इष्ट मित्रों के भोजन की व्यवस्था की, गौ, ब्राह्मणों का हित चिंतन करते हुए शिष्ट पुरुषों का आदर सत्कार किया। फिर भी मुझे अब तक पुत्र न होने का क्या कारण हैं? विद्वान् ब्राह्मणों ने कहा कि, हे महाराज! हम लोग वैसा ही प्रयत्न करेंगे जिससे आपके वंश कि वृद्धि हो। इस प्रकार कहकर सब लोग युक्ति सोचने लगे। सारी प्रजा राजा के मनोरथ की सिद्धि के लिए ब्राह्मणों के साथ वन में चली गई। वन में उन लोगों को एक श्रेष्ठ मुनि के दर्शन हुए। वे मुनिराज निराहार रहकर तपस्या में लीन थे। ब्रह्माजी के सामान वे आत्मजित, क्रोधजित तथा सनातन पुरुष थे। संपूर्ण वेद-विशारद एवं अनेक ब्रह्म ज्ञान संपन्न वे महात्मा थे। उनका निर्मल नाम लोमश ऋषि था। प्रत्येक कल्पांत में उनके एक-एक रोम पतित होते थे। इसलिए उनका नाम लोमश ऋषि पड़ गया। ऐसे त्रिकालदर्शी महर्षि लोमेश के उन लोगों ने दर्शन किए। सब लोग उन तेजस्वी मुनि के पास गए। उचित अभ्यर्थना एवं प्रणामदि के अनंतर सभी लोग उनके समक्ष खड़े हो गए। मुनि के दर्शन से सभी लोग प्रसन्न होकर परस्पर कहने लगे कि हम लोगों को सौभाग्य से ही ऐसे मुनि के दर्शन हुए। इनके उपदेश से हम सभी का मंगल होगा, ऐसा निश्चय कर उन लोगों ने मुनिराज से कहा। हे ब्रह्मऋषि! हम लोगों के दुःख का कारण सुनिए। अपने संदेह के निवारण के लिए हम लोग आपके पास आए हैं। हे भगवन! आप कोई उपाय बतलाइए। महर्षि लोमेश ने पूछा-सज्जनों! आप लोग यहां किस अभिप्राय से आए हैं? मुझसे आपका क्या प्रयोजन हैं? स्पष्ट रूप से कहिए। मैं आपके सभी संदेहों का निवारण करूंगा। प्रजाजनों ने उत्तर दिया- हे मुनिवर! हम महिष्मति नगरी के निवासी हैं। हमारे राजा का नाम महीजित है। वह राजा ब्राह्मणों का रक्षक, धर्मात्मा, दानवीर, शूरवीर एवं मधुरभाषी है। उस राजा ने हम लोगों का पालन पोषण किया है, परंतु ऐसे राज को आज तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई। हे भगवान्! माता-पिता तो केवल जन्मदाता ही होते हैं, किंतु राज ही वास्तव में पोषक एवं संवर्धक होता हैं। उसी राजा के निमित हम लोग ऐसे गहन वन में आए है। हे महर्षि! आप कोई ऐसी युक्ति बताइए जिससे राजा को संतान की प्राप्ति हो, क्योंकि ऐसे गुणवान राजा को कोई पुत्र न हो, यह बड़े दुर्भाग्य की बात हैं। हम लोग परस्पर विचार-विमर्श करके इस गंभीर वन में आए हैं। उनके सौभाग्य से ही हम लोगों ने आपका दर्शन किया हैं। हे मुनिवर! किस व्रत, दान, पूजन आदि अनुष्ठान कराने से राजा को पुत्र होगा। आप कृपा करके हम सभी को बतलाएं। प्रजा की बात सुनकर महर्षि लोमेश ने कहा- हे भक्तजनो! आप लोग ध्यानपूर्वक सुनो। मैं संकटनाशन व्रत को बता रहा हूं। यह व्रत निसंतान को संतान और निर्धनों को धन देता हैं। आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को एकदंत गजानन नामक गणेश की पूजा करें। राजा व्रत करके श्रद्धायुक्त हो ब्राह्मण भोज करवाकर उन्हें वस्त्र दान करें। गणेश जी की कृपा से उन्हें अवश्य ही पुत्र की प्राप्ति होगी। महर्षि लोमश की यह बात सुनकर सभी लोग करबद्ध होकर उठ खड़े हुए। नतमस्तक होकर दंडवत प्रणाम करके सभी लोग नगर में लौट आए। वन में घटित सभी घटनाओं को प्रजाजनों ने राजा से बताया। प्रजाजनों की बात सुनकर राज बहुत ही प्रसन्न हुए और उन्होंने श्रद्धापूर्वक विधिवत गणेश चतुर्थी का व्रत करके ब्राह्मणों को भोजन वस्त्रादि का दान दिया। रानी सुदक्षिणा को श्री गणेश जी कृपा से सुंदर और सुलक्षण पुत्र प्राप्त हुआ। श्रीकृष्ण जी कहते हैं इस व्रत का ऐसा ही प्रभाव हैं। अत: जो व्यक्ति इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करेंगे वे समस्त सांसारिक सुख के अधिकारी होंगे तथा उनका घर हमेशा खुशियों से भरापूरा रहेगा।
न्यूज चैनल्स की खबरो के अनुसार गोलीबारी की घटना में एक बच्ची को भी गोली लगी है। मृतक स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का अभियुक्त था जो कि मुख्तार अंसारी का करीबी भी बताया जा रहा है। दिनदहाड़े कोर्ट कैंपस में हुई शूटआउट की इस घटना के बाद पुलिस मामले की जांच के लिए पहुंची। Deltin Cricket Online Casino Real Money India Bet Your Way to Big Wins! Play Hard and Smart at the Online Casino! भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 2021 में ओवल में 157 रन से जीत दर्ज की थी और तेंदुलकर ने कहा कि उसमें से जुड़ी अच्छी यादें भारत के काम आएंगी।उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर। जब आपके पास इस तरह की अच्छी यादें हों तो वे आपके साथ बनी रहती हैं। भारतीय टीम को यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछली बार उसने यहां शानदार परिणाम हासिल किया था। उन्होंने मैच जीता था और जैसे मैंने कहा कि अच्छी यादें लंबे समय तक आपके साथ बनी रहती हैं।
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Strike it Big! Play Now! Deltin Online Gambling Cricket 1. मराठा साम्राज्य के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) को कौन नहीं जानता। शिवनेरी (महाराष्ट्र) में 19 फरवरी 1627 को मराठा परिवार में जन्मे शिवाजी महाराज बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था। बचपन से ही राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा लेने वाले शिवाजी कई कलाओं में माहिर थे। वे बचपन में अपनी आयु के बालकों को इकट्ठा करके उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। युवावस्था में आते ही उनका खेल, वास्तविक कर्म बना और शत्रुओं पर आक्रमण करके शिवाजी उनके किले आदि जीतकर उन्हें परास्त करने लगे। 2. 6 जून का दिन भारतीय इतिहास में खास महत्व रखता हैं, क्योंकि इसी दिन यानी 6 जून 1674 को छत्रपति शिवाजी महाराज युद्ध में मुगलों को परास्त कर लौटे थे तथा मराठा शासक के रूप में उनका राज्याभिषेक हुआ था। वे एक ऐसे भारतीय शासक थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य खड़ा किया था, अत: उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी भी स्वीकार किया जाता है। 3. माना जाता है कि छत्रपति शिवाजी ने ही भारत में पहली बार गुरिल्ला युद्ध का आरंभ किया था। गुरिल्ला युद्ध एक प्रकार का छापामार युद्ध है। मोटे तौर पर छापामार युद्ध अर्द्धसैनिकों की टुकड़ियों अथवा अनियमित सैनिकों द्वारा शत्रु सेना के पीछे या पार्श्व में आक्रमण करके लड़े जाते हैं। उन्हें भारतीय नौसेना का जनक भी माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ही नौसेना भी तैयार की थी। 4. छत्रपति शिवाजी अपनी कुलदेवी माता तुलजा भवानी के उपासक थे। महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले का एक ऐसा स्थान जिसे तुलजापुर के नाम से जाना जाता है, जहां छत्रपति शिवाजी की कुलदेवी मां तुलजा भवानी स्थापित हैं, जो आज भी कई परिवारों की कुलदेवी के रूप में प्रचलित हैं। शिवाजी महाराज उन्हीं की उपासना करते थे। मान्यतानुसार खुद देवी मां ने प्रकट होकर शिवाजी को तलवार प्रदान की थी। 5. छत्रपति शिवाजी महाराज को भारत के शूरवीरों में गिना जाता है, क्योंकि वे एक बुद्धिमान, बहादुर, शौर्यवीर और दयालु शासक थे। शिवाजी जयंती का दिन महाराष्ट्र में एक त्योहार की तरह मनाया जाता है और इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी रहता है। अप्रैल 1680 को बीमार होने पर छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गई थी। शिवाजी महाराज आज भी भारत के सच्चे वीर सपूतों में से एक माने जाते हैं। धनु- धनु राशि वाले जातकों के लिए यह माह भूमि-भवन संबंधी लाभ वाला रहेगा। किसी नई भूमि का सौदा होगा। व्यापार अच्छा चलेगा। माह के अंत में थोड़ी परेशानी आएगी। कृषि क्षेत्र में मध्यम सफलता मिलेगी। नौकरी में अधिकारी वर्ग से सहयोग प्राप्त होगा। नाना पक्ष से आर्थिक परेशानी आ सकती है। आपको मानसिक तनाव रहेगा। दिनांक 7, 25 शुभ हैं, 13 अशुभ है। शनि आराधना लाभप्रद रहेगी।
मई 2023 Fun88 Rummy Modern App, परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है,
पिता वो ज्ञान का प्रकाश है जिसकी रौशनी में पुरे परिवार का भविष्य उज्वल रहता है। पिता घर की वो नींभ है जिसके बिना घर कच्चा सा लगता है। हमारे पिता को इन शब्दों में वर्णित करना इतना आसान नहीं है। सबके जीवन में पिता के अलग महत्व होते हैं। हम अक्सर मां से तो अपनी मन की बात कह देते हैं पर अपने पिता से कहना थोडा कठिन होता है। इस फादर्स डे आप इन खूबसूरत कविताओं के ज़रिए अपने पिता से मन की बात व्यक्त कर सकते हैं। Fun88 Rummy King बिश्वजीत के पिता हेलाराम मलिक ने हादसे में घायल हुए अपने बेटे को लेकर यह कहानी बताई। दरअसल, हादसे के बाद घायल बिश्वजीत बेहोश हो गया था। वो इस कदर बेसुध था कि लोगों ने उसे मरा हुआ समझकर बालासोर स्कूल में बनाए मुर्दाघर में रख दिया गया। उसके ऊपर लाशें रख दी गईं। जब उसे होश आया तो उसने अपना हाथ हिलाया। लोगों ने देखा कि वह जिंदा है तो लोग उसे अस्पताल ले गए।