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(Deltin Cricket Online Casino Games India) - Fun88 New Rummy App Feel the thrill of winning at the online casino, Fun88 Teen Patti Real Cash Game Make Your Fortune Now!. घटना के बाद शादी वाले घर में मातम पसरा हुआ है। नवविवाहितों के माता-पिता भी बेटे-बहू के गम में बेसुध हैं।इस मामले से हर कोई हैरान हैं। एक नौजवान विवाहित जोड़ा एक ही रात में एक साथ हार्ट अटैक से कैसे मर सकता है? मृतक दूल्‍हा प्रताप रात को सोने से पहले अपने कमरे से बाहर आया था। उसने मां से कहा था कि मामा को जाने मत देना उन्‍हें रुकने के लिए कहना। इसके बाद प्रताप दोबारा अपने कमरे में सोने चला गया।

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England इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाजी हरफ़नमौला Moeen Ali मोईन अली टेस्ट रिटायरमेंट से बाहर आ गये हैं और उन्हें Australia ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध होने वाली एशेज टेस्ट शृंखला के शुरुआती दो मैचों के लिये टीम में शामिल किया गया है। England Cricket Board इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बुधवार को इसकी घोषणा की। Fun88 New Rummy App, इस एकादशी व्रत के प्रभाव से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। योगिनी एकादशी से जुड़ी मान्यता के अनुसार इस दिन स्नान के लिए मिट्टी (धरती माता की रज) का इस्तेमाल करना अतिशुभ होता है। साथ ही स्नान के पूर्व तिल के उबटन को शरीर पर लगाकर फिर स्नान करने की मान्यता है। बता दें कि एकादशी तिथि पर भगवान श्री विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है। योगिनी एकादशी : 14 जून 2023, बुधवार के शुभ मुहूर्त : Yogini Ekadashi Muhurat 2023 आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि का प्रारंभ- 13 जून, मंगलवार को 09.28 ए एम से, एकादशी की समाप्ति- 14 जून 2023, बुधवार 08.48 ए एम पर। योगिनी एकादशी पारण समय- पारण/ व्रत तोड़ने का समय- गुरुवार 15 जून 2023, 05:23 ए एम से 08:10 ए एम तक। पारण तिथि के दिन द्वादशी समापन का समय- 08:32 ए एम पर। 14 जून, बुधवार - दिन का चौघड़िया लाभ- 05.23 ए एम से 07.07 ए एम अमृत- 07.07 ए एम से 08.52 ए एम शुभ- 10.37 ए एम से 12.21 पी एम चर- 03.51 पी एम से 05.35 पी एम लाभ- 05.35 पी एम से 07.20 पी एम रात का चौघड़िया शुभ- 08.35 पी एम से 09.51 पी एम अमृत- 09.51 पी एम से 11.06 पी एम चर- 11.06 पी एम से 15 जून को 12.21 ए एम, लाभ- 02.52 ए एम से 15 जून को 04.08 ए एम तक। पूजा विधि- Yogini Ekadashi Puja Vidhi 1. योगिनी एकादशी के दिन सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छे धुले हुए वस्त्र धारण करके व्रत शुरू करने का संकल्प लें। 2. तत्पश्चात पूजन के लिए मिट्टी का कलश स्थापित करें। 3. उस कलश में पानी, अक्षत और मुद्रा रखकर उसके ऊपर एक दीया रखें तथा उसमें चावल डालें। 4. अब उस दीये पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। पीतल की प्रतिमा हो तो अतिउत्तम माना जाता है। 5. प्रतिमा को रोली अथवा सिंदूर का टीका लगाकर अक्षत चढ़ाएं। 6. उसके बाद कलश के सामने शुद्ध देशी घी का दीप प्रज्वलित करें। 7. अब तुलसी के पत्ते और पुष्प चढ़ाएं। 8. तत्पश्चात ऋतु फल का प्रसाद चढ़ाकर भगवान श्रीहरि का विधि-विधान से पूजन करें। 9. फिर एकादशी की कथा का पढ़ें अथवा श्रवण करें। 10. अंत में श्री विष्‍णु जी की आरती करें। व्रत कथा-Yogini Ekadashi Katha इस एकादशी व्रत की पौराणिक कथा (Yogini Ekadashi 2023 Katha) के अनुसार स्वर्गधाम की अलकापुरी नामक नगरी में कुबेर नाम का एक राजा रहता था। वह शिव भक्त था और प्रतिदिन शिव की पूजा किया करता था। हेम नाम का एक माली पूजन के लिए उसके यहां फूल लाया करता था। हेम की विशालाक्षी नाम की सुंदर स्त्री थी। एक दिन वह मानसरोवर से पुष्प तो ले आया लेकिन कामासक्त होने के कारण वह अपनी स्त्री से हास्य-विनोद तथा रमण करने लगा। इधर राजा उसकी दोपहर तक राह देखता रहा। अंत में राजा कुबेर ने सेवकों को आज्ञा दी कि तुम लोग जाकर माली के न आने का कारण पता करो, क्योंकि वह अभी तक पुष्प लेकर नहीं आया। सेवकों ने कहा कि महाराज वह पापी अतिकामी है, अपनी स्त्री के साथ हास्य-विनोद और रमण कर रहा होगा। यह सुनकर कुबेर ने क्रोधित होकर उसे बुलाया। हेम माली राजा के भय से कांपता हुआ उपस्थित हुआ। राजा कुबेर ने क्रोध में आकर कहा- ‘अरे पापी! नीच! कामी! तूने मेरे परम पूजनीय ईश्वरों के ईश्वर श्री शिव जी महाराज का अनादर किया है, इसलिए मैं तुझे शाप देता हूं कि तू स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा।’ कुबेर के शाप से हेम माली का स्वर्ग से पतन हो गया और वह उसी क्षण पृथ्वी पर गिर गया। भूतल पर आते ही उसके शरीर में श्वेत कोढ़ हो गया। उसकी स्त्री भी उसी समय अंतर्ध्यान हो गई। मृत्युलोक में आकर माली ने महान दु:ख भोगे, भयानक जंगल में जाकर बिना अन्न और जल के भटकता रहा। रात्रि को निद्रा भी नहीं आती थी, परंतु शिव जी की पूजा के प्रभाव से उसको पिछले जन्म की स्मृति का ज्ञान अवश्य रहा। एक दिन घूमते-घूमते वह मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में पहुंच गया, जो ब्रह्मा से भी अधिक वृद्ध थे और जिनका आश्रम ब्रह्मा की सभा के समान लगता था। हेम माली वहां जाकर उनके पैरों में पड़ गया। उसे देखकर मार्कण्डेय ऋषि बोले तुमने ऐसा कौनसा पाप किया है, जिसके प्रभाव से यह हालत हो गई। हेम माली ने सारा वृत्तांत कह सुनाया। यह सुनकर ऋषि बोले- निश्चित ही तूने मेरे सम्मुख सत्य वचन कहे हैं, इसलिए तेरे उद्धार के लिए मैं एक व्रत बताता हूं। यदि तू आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की योगिनी नामक एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करेगा तो तेरे सब पाप नष्ट हो जाएंगे। यह सुनकर हेम माली ने अत्यंत प्रसन्न होकर मुनि को साष्टांग प्रणाम किया। मुनि ने उसे स्नेह के साथ उठाया। हेम माली ने मुनि के कथनानुसार विधिपूर्वक योगिनी एकादशी (Yogini) का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से हेम माली अपने पुराने स्वरूप में आकर वह अपनी पत्नी के साथ सुखपूर्वक रहने लगा। इस योगिनी एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल देता है तथा इसके व्रत से समस्त पाप दूर होकर अंत में स्वर्ग प्राप्त होता है। ऐसी इस एकादशी की महिमा है। योगिनी एकादशी के उपाय : Yogini Ekadashi Upay 1. पीपल में जल अर्पित करें : इस दिन कर्ज से मुक्ति के लिए पीपल वृक्ष में जल अर्पित करके उसकी विधिवत पूजा करें। 2. लक्ष्मी प्राप्ति : इस दिन धन-धान्य तथा लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए घर में भगवान श्री विष्णु तथा माता लक्ष्मी का केसर मिले जल से अभिषेक करें। 3. घी का दीया : एकादशी तिथि पर पीपल में मीठा जल चढ़ाने तथा शाम के समय पीपल की जड़ में घी का दीया लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। 4. तुलसी पूजन : एकादशी के दिन सायं के समय तुलसी के सामने गाय के घी का दीपक जलाकर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का जाप करते हुए तुलसी जी की 11 परिक्रमा करें, इस उपाय से घर के समस्त संकट और आने वाली परेशानियां भी दूर जाती हैं। 5. दान-पुण्‍य : एकादशी के दिन उपवास के पश्चात द्वादशी तिथि पर पारण से पूर्व ब्राह्मणों को मिठाई, दक्षिणा तथा गरीबों को खाद्य सामग्री देने के पश्चात ही खुद पारणा करना लाभकारी होता है। 6. जाप मंत्र : एकादशी के दिन सुबह घर की सफाई करके मुख्य द्वार पर हल्दीयुक्त जल या गंगा जल का छिड़काव करके मंत्र- 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' का 108 बार जाप करें। जाप में तुलसी की माला को उपयोग में लाएं। 7. स्थायी धन प्राप्ति : स्थायी धन की प्राप्ति के लिए पूजा स्थान में 11 गौमती चक्र रखकर स्फटिक की माला से 'श्री महालक्ष्म्यै श्रीयें नम:' मंत्र का 11 माला जाप करके उन्हें लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी में धन वाले स्थान पर रख दें। 8. रुपए का दान : इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र और रुपया-पैसे का दान अवश्य करना चाहिए।

8 जून 1957 को जन्मी डिम्पल कपाड़िया के पिता चुन्नीभाई कपाड़िया बेहद अमीर व्यक्ति थे। वे अपने घर 'समुद्र महल' में अक्सर फिल्म सितारों को पार्टियां देते थे। कहा जाता है कि ऐसी ही एक पार्टी में फिल्मकार राज कपूर ने 13 वर्षीय डिम्पल को देखा और डिम्पल उनके जेहन में बस गई। 2 Deltin India Cricket Online Casino Be a winner with our online casino! Make Your Fortune Now! - शीतला अष्टमी के दिन अलसुबह जल्दी उठकर माता शीतला का ध्यान करें। - इस दिन व्रती को प्रातः कर्मों से निवृत्त होकर स्वच्छ व शीतल जल से स्नान करना चाहिए। - स्नान के पश्चात निम्न मंत्र से संकल्प लेना चाहिए- 'मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्ये' - संकल्प के पश्चात विधि-विधान तथा सुगंधयुक्त गंध व पुष्प आदि से माता शीतला का पूजन करें। - इस दिन महिलाएं मीठे चावल, हल्दी, चने की दाल और लोटे में पानी लेकर पूजा करती हैं। - पूजन का मंत्र- 'हृं श्रीं शीतलायै नम:' का निरंतर उच्चारण करें। - माता शीतला को जल अर्पित करें और उसकी कुछ बूंदे अपने ऊपर भी डालें। - इसके पश्चात ठंडे भोजन का भोग मां शीतला को अर्पित करें। - तत्पश्चात शीतला स्तोत्र का पाठ करें और कथा सुनें। - रोगों को दूर करने वाली मां शीतला का वास वट वृक्ष में माना जाता है, अतः इस दिन वट पूजन भी भी करना चाहिए। - शीतला माता की कथा पढ़ें तथा मंत्र- 'ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नम:' का जाप करें। - जो जल चढ़ाएं और चढ़ाने के बाद जो जल बहता है, उसमें से थोड़ा जल लोटे में डाल लें। यह जल पवित्र होता है। इसे घर के सभी सदस्य आंखों पर लगाएं। - पूजन के पश्चात थोड़ा जल घर लाकर हर हिस्से में छिड़कने से घर की शुद्धि होती है। - शीतला सप्तमी या अष्टमी व्रत का पालन जिस घर में किया जाता है, वहां सुख, शांति हमेशा बनी रहती है तथा रोगों से निजात भी मिलती है। मंत्र (रोग दूर करने का)- 'वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बरराम्‌, मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम्‌।' अर्थात्- मैं गर्दभ पर विराजमान, दिगंबरा, हाथ में झाडू तथा कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की वंदना करता/करती हूं। शीतलाष्टमी कथा : Shitala Mata Katha शीतला माता की कथा के अनुसार एक बार एक राजा के इकलौते पुत्र को शीतला (चेचक) निकली। उसी के राज्य में एक काछी-पुत्र को भी शीतला निकली हुई थी। काछी परिवार बहुत गरीब था, पर भगवती का उपासक था। वह धार्मिक दृष्टि से जरूरी समझे जाने वाले सभी नियमों को बीमारी के दौरान भी भली-भांति निभाता रहा। घर में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता था। नियम से भगवती की पूजा होती थी। नमक खाने पर पाबंदी थी। सब्जी में न तो छौंक लगता था और न कोई वस्तु भुनी-तली जाती थी। गरम वस्तु न वह स्वयं खाता, न शीतला वाले लड़के को देता था। ऐसा करने से उसका पुत्र शीघ्र ही ठीक हो गया। उधर जब से राजा के लड़के को शीतला का प्रकोप हुआ था, तब से उसने भगवती के मंडप में शतचंडी का पाठ शुरू करवा रखा था। रोज हवन व बलिदान होते थे। राजपुरोहित भी सदा भगवती के पूजन में निमग्न रहते। राजमहल में रोज कड़ाही चढ़ती, विविध प्रकार के गर्म स्वादिष्ट भोजन बनते। सब्जी के साथ कई प्रकार के मांस भी पकते थे। इसका परिणाम यह होता कि उन लजीज भोजनों की गंध से राजकुमार का मन मचल उठता। वह भोजन के लिए जिद करता। एक तो राजपुत्र और दूसरे इकलौता, इस कारण उसकी अनुचित जिद भी पूरी कर दी जाती। इस पर शीतला का कोप घटने के बजाय बढ़ने लगा। शीतला के साथ-साथ उसे बड़े-बड़े फोड़े भी निकलने लगे, जिनमें खुजली व जलन अधिक होती थी। शीतला की शांति के लिए राजा जितने भी उपाय करता, शीतला का प्रकोप उतना ही बढ़ता जाता। क्योंकि अज्ञानतावश राजा के यहां सभी कार्य उलटे हो रहे थे। इससे राजा और अधिक परेशान हो उठा। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि इतना सब होने के बाद भी शीतला का प्रकोप शांत क्यों नहीं हो रहा है। एक दिन राजा के गुप्तचरों ने उन्हें बताया कि काछी-पुत्र को भी शीतला निकली थी, पर वह बिलकुल ठीक हो गया है। यह जानकर राजा सोच में पड़ गया कि मैं शीतला की इतनी सेवा कर रहा हूं, पूजा व अनुष्ठान में कोई कमी नहीं, पर मेरा पुत्र अधिक रोगी होता जा रहा है जबकि काछी पुत्र बिना सेवा-पूजा के ही ठीक हो गया। इसी सोच में उसे नींद आ गई। श्वेत वस्त्र धारिणी भगवती ने उसे स्वप्न में दर्शन देकर कहा- 'हे राजन्‌! मैं तुम्हारी सेवा-अर्चना से प्रसन्न हूं। इसीलिए आज भी तुम्हारा पुत्र जीवित है। इसके ठीक न होने का कारण यह है कि तुमने शीतला के समय पालन करने योग्य नियमों का उल्लंघन किया। तुम्हें ऐसी हालत में नमक का प्रयोग बंद करना चाहिए। नमक से रोगी के फोड़ों में खुजली होती है। घर की सब्जियों में छौंक नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इसकी गंध से रोगी का मन उन वस्तुओं को खाने के लिए ललचाता है। रोगी का किसी के पास आना-जाना मना है क्योंकि यह रोग औरों को भी होने का भय रहता है। अतः इन नियमों का पालन कर, तेरा पुत्र अवश्य ही ठीक हो जाएगा।' विधि समझाकर देवी अंतर्ध्यान हो गईं। प्रातः से ही राजा ने देवी की आज्ञानुसार सभी कार्यों की व्यवस्था कर दी। इससे राजकुमार की सेहत पर अनुकूल प्रभाव पड़ा और वह शीघ्र ही ठीक हो गया। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण और माता देवकी का विधिवत पूजन करके मध्यकाल में सात्विक पदार्थों का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य ही नहीं मिलता बल्कि समस्त दुखों का भी निवारण होता है। ऐसा सप्तमी-अष्टमी तिथि शीतला माता के पूजन का विधान है।

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कमर्शियल फिल्मों में ढंग के रोल न मिलने पर डिम्पल ने समानांतर फिल्मों में कदम रखा। दृष्टि, लेकिन, रूदाली जैसी फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से उन्होंने सभी को दंग किया। 24 Andar Bahar Tricks, क्या है वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का स्लोगन?

Feel the Thrill of Winning at the Online Casino! Deltin Cricket Top 10 Online Casino In India मुंबई। stock market : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक शुरू होने के साथ ही घरेलू शेयर बाजारों ने मंगलवार को एहतियाती रुख अपना लिया और उतार-चढ़ाव के बीच दोनों प्रमुख सूचकांक मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 5.41 अंक यानी 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 62,792.88 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी भी 5.15 अंक यानी 0.03 प्रतिशत बढ़कर 18,599 अंक पर पहुंच गया। कारोबारियों के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में बिकवाली का दबाव होने, विदेशी पूंजी की निकासी और वैश्विक बाजारों के कमजोर संकेतकों से घरेलू बाजार में कारोबारी धारणा पर असर पड़ा। सेंसेक्स की कंपनियों में अल्ट्राटेक में सर्वाधिक 3.13 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा के भी शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। दूसरी तरफ, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, आईसीआईसीआई बैंक और नेस्ले के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। एशिया के अन्य बाजारों में जापान के निक्की में बढ़त दर्ज की गई, जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नीचे आया। यूरोप के अधिकांश बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। एक दिन पहले अमेरिकी बाजार भी सोमवार को गिरकर बंद हुए थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजारों में आईटी शेयरों में बिकवाली के दबाव से मुनाफावसूली का जोर रहा। हालांकि, वाहन एवं बैंक शेयरों में तेजी ने बाजार को गिरावट से बचा लिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाजार की रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक पर नजरें टिकी हुई हैं। हालांकि बाजार की आम राय यही है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दर में बढ़ोतरी पर लगाम का दौर जारी रख सकता है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.84 प्रतिशत गिरकर 75.33 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार से निकासी का रुख अपनाया हुआ है। एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने सोमवार को 700.98 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। भाषा इसी पोहे पर सेंव वालों, नुक्‍त‍ी वालों, प्‍याज वालों, नींबू वालों और जीरावन वालों की लाइफ लाइन जुड़ी हुई है। एक पोहा ही वो इंजन है जो इन सबके जीवन के ड‍िब्‍बों को आगे खींचता है। इसलिए इंदौर में पोहे का मतलब स‍िर्फ स्‍वाद ही नहीं, किसी का पेट भी है। यानि ये खाने वालों की आत्‍मा को तृप्‍त करता है तो वहीं बनाने वालों के पेट को भरता है।

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जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 8 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी : दिनांक 8 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अदभुत शक्तियों के मालिक हैं। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है। शुभ दिनांक : 8, 17, 26 शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44 शुभ वर्ष : 2024, 2042 ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी कैसा रहेगा यह वर्ष व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति प्रगति पाएंगे। बेरोजगार प्रयास करें, तो रोजगार पाने में सफल होंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। जो अभी तक बाधित रहे है वे भी सफल होंगे। राजनैतिक व्यक्ति भी समय का सदुपयोग कर लाभान्वित होंगे। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे, स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल ही रहेगा। Fun88 Teen Patti Real Cash Game, आज आषाढ़ मास की संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) है। जिसे कृष्णपिंगाक्ष चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन गणेश पूजन के दौरान तथा पूरे दिनभर में कुछ खास ग‍लतियों को करने से अवश्‍य ही बचना चाहिए, क्योंकि चतुर्थी के दिन की गई गलती से भगवान श्री गणेश नाराज हो सकते हैं तथा इसके परिणामस्वरूप आपको उनकी विशेष कृपा प्रा‍प्त नहीं हो सकती। आइए जानते हैं आज के दिन किन गलतियों से बचना आवश्‍यक है। जानिए इस लेख में- 1. पवित्रता का ध्यान : संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजन करते समय पवित्रता का पूर्ण ध्यान रखें। सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर धुले हुए साफ वस्त्र धारण करें। बिना धुले वस्त्र ना पहनें। 2. मंदिर की सफाई : पूजन से पहले घर के मंदिर की साफ-सफाई अच्‍छे से करें, घर बिलकुल भी गंदा न रहने दें। मन, वचन और कर्म पर ध्यान दें, पूजन के समय बुरे विचारों को मन में न आने दें। 3. काले रंग से बचें : हिन्दू धर्म के अनुसार किसी भी शुभ कार्य और भगवान के पूजन के समय काले रंग के वस्त्रों के प्रयोग करने की मनाही है। अत: चतुर्थी व्रत के दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें, बल्कि पीले या लाल रंग के कपड़े धारण करना उचित रहता है। साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल की छींटे अपने पैरों पर ना पड़ें, इस बात की सावधानी अवश्‍य ही रखें। 4. तुलसी न चढ़ाएं : भगवान श्री गणेश के व्रत-पूजन के दौरान तुलसी का प्रयोग वर्जित है, अत: पूजन, प्रसाद बनाते समय या भोग लगाते समय तुलसी न डालें। 5. तामसिक भोजन : यदि आप चतुर्थी व्रत रख रहे हैं तो आज के दिन घर में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल बिलकुल भी न करें। इसके अलावा घर में किसी को भी मांस-मदिरा का सेवन भी न करने दें।

क्या है वर्ल्ड ओसियन डे? Fun88 Rummy App kangana ranaut : बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौट अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। कंगना हर मुद्दे पर सोशल मीडिया के जरिए खुलकर अपनी राय रख्ती हैं। इसके अलावा वह अपनी खूबसूरत तस्वीरें भी अक्सर फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। हाल ही में कंगना ने रॉयल लुक में अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की है।